पृथ्वी योजना के लिए 4797 करोड़ रुपए मंजूर, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर
New Delhi : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उप योजनाओं को क्लब करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं। सरकार ने 2021 से 5 वर्ष की अवधि में 4,797 करोड़ रुपये की लागत से पृथ्वी विज्ञान पहल को मंजूरी दे दी हैं। इस योजना में वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान मॉडलिंग अवलोकन प्रणाली और सेवाएं, महासागर सेवाएं, मॉडलिंग अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी, ध्रुवीय विज्ञान और क्रायोस्फीयर अनुसंधान, भूकंप विज्ञा और विज्ञान का अध्ययन शामिल हैं।
जीवित संसाधनों का पता लगाने में मदद करेंगे
पृथ्वी विज्ञान की व्यापक योजना कई एमओईएस संस्थानों में एकीकृत बहु विषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और अभिनव कार्यक्रमों के विकास को सक्षम बनाएगी। ये एकीकृत अनुसंधान और विकास, मौसम और जलवायु, महासागर, क्रायोस्फीयर, भूकंपीय विज्ञान और सेवाओं की बड़ी चुनौतियों के समाधान करने और उनके टिकाऊ दोहन के लिए जीवित और गैर जीवित संसाधनों का पता लगाने में मदद करेंगे।
प्रौद्योगिकी का विकास शामिल हैं
पृथ्वी योजना के उद्देश्यों में पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, भूमंडल, क्रायोस्फीयर और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक अवलोकनों को बढ़ाना और बनाए रखना। साथ ही, मौसम को समझने और भविष्यवाणी करने के लिए मॉडलिंग सिस्टम का विकास शामिल हैं। इसमें नई घटनाओं और संसाधनों की खोज के लिए पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्रों की खोज, सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्रीय संसाधनों की खोज और टिकाऊ दोहन के लिए प्रौद्योगिकी का विकास शामिल हैं।
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