हिंदु धर्म शास्त्रों में, पितृपक्ष पितरों को पिंड दान के लिए समर्पित होता है।(Pitru paksha 2022) इस दौरान सावधानी बरतते हुए कोई भी नई वस्तु जैसे कि नए कपड़े, सोना, चांदी या कोई नए शुभ कार्य शादी, मुंडन, गृह प्रवेश नहीं किए जाते हैं। पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को तर्पण कर उन्हें याद करते हैं और उनके नाम को याद कर के उनकी मृत्यु का श्राद्ध करते हैं।
हिंदु धर्म शास्त्रों में, पितृपक्ष पितरों को पिंड दान के लिए समर्पित होता है। इस दौरान सावधानी बरतते हुए कोई भी नई वस्तु जैसे कि नए कपड़े, सोना, चांदी या कोई नए शुभ कार्य शादी, मुंडन, गृह प्रवेश नहीं किए जाते हैं। भाद्रपक्ष की पूर्णिमा और अश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहते हैं। अब की बार पितृ पक्ष की शुरूआत 10 सितंबर 2022 से होकर 25 सितंबर 2022 रविवार तक रहेंगे।
अक्सर कुछ लोगों के जीवन में पितृ दोष होने से उनके जीवन में सेंकट बने रहते हैं तो अगर आपके जीवन में भी ये समस्या है तो आप इन महाउपायों से दोष मुक्त हो सकते हैं सर्व पितृ अमावस्या के दिन जल में काले तिल, सफेद चंदन, सफेद फूल डालकर पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं इसके बाद पेड़ के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जलाते हुए इस मंत्र के जाप करें ‘ॐ सर्व पितृ देवाय नम:’ मंत्र का जाप करें इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
ऊपर दिए गए महाउपायों के अलावा आप घर के दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगा के उनपर फूलों की माला चढ़ाकर और उनका वंदन कर के आर्शीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और दोश से मुक्ति पा सकते हैं। इसके साथ साथ पितरों की मृत्यु तिथि पर जरूरतमंद और गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
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