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मौन होकर श्रद्धालु गंगा में लगा रहे आस्था की डुबकी,  कड़ाके की ठंड में हर-हर गंगे के जयकारों से गूंजे घाट

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आज मौनी अमावस्या है। माघ मास में पड़ने के कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। वहीं शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इस बार की मौनी अमावस्या शनिवारी अमावस्या भी है। इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था। मौसम खराब होने और भीषण ठंड के बावजूद भी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं।

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कई राज्यों से श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचे

हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्मा कुंड, मालवीय घाट, नाई सोता, कुशावर्त घाट समेत आसपास के गंगा घाटों पर भोर से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते दिखे। स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा पश्चिमी उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचे। हरकी पैड़ी चारों ओर हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयकारों से गुंजायमान हो रही थी।

मिलेगी मोक्ष की प्राप्ति

ऐसी मान्यता है कि माघ मास में पड़ने वाली इस मौनी अमावस्या पर दान करने से शनि के दुष्प्रभावों में कमी आती है। शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य जन्मजात शनि दोषों की निवृत्ति के लिए इस शनिवारी अमावस्या पर दान करने से अधिक लाभ होगा। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर मां गंगा में स्नान करने और दान करने से कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी।

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