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Chaitra Ashtami 2022: दुर्गाष्टमी पूजा विधि- थोड़ी ही देर में इस टाइम पर शुरू हो जाएगा मुहूर्त, समझिए पूरी पूजा विधि

Ashtami Date And Subh Muhurt
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Chaitra Ashtami 2022: शनिवार के दिन आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि (Ashtami Date And Subh Muhurt) है। इस दिन नवरात्र का आठवां दिन होता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यानी आठवें दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के आठवें रूप को मां महागौरी कहा जाता है। अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विधान है। कई जगह पर इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। 

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थोड़ी ही देर में इस टाइम पर शुरू हो जाएगा मुहूर्त

अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त- (Ashtami Date And Subh Muhurt) : चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। इस दिन देवी दुर्गा के साथ उनके आठवें स्वरूप मां महागौरी का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद पुष्प लेकर मां का ध्यान करें। अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं और उन्हें फल, फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

समझिए पूरी पूजा विधि

मां महागौरी को लेकर दो पौराणिक कथाएं काफी प्रचलित हैं। पहली पौराणिक कथा के अनुसार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के बाद मां पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। तपस्या करते समय माता हजारों वर्षों तक निराहार रही थी, जिसके कारण माता का शरीर काला पड़ गया था। वहीं माता की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया और माता के शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर अत्यंत कांतिमय बना दिया, माता का रूप गौरवर्ण हो गया।

आज के दिन करें मां महागौरी मंत्र का जाप- Mata Mahagauri Mantra:

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

आज के दिन जानें मां महागौरी की पूजा विधि- Mata Mahagauri Pujan Vidhi:

आज आठवें दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। सुबह नहाकर माता की पूजा करें। अपनी पूजा में सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण,पान के पत्ते, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, धूप, कपूर, लौंग, अगरबत्ती, गंगा जल, शुद्ध जल, कच्चा दूध, दही, पंचामृत, वस्त्र शामिल करके ही आप अपनी पूजा करें।

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