
गुजरात (Gujarat) में मोरबी सस्पेंशन ब्रिज Morbi Bridge) के दुखद और भयानक हादसों की जांच के लिए सरकार ने SIT को नियुक्त किया था। आपको बता दें कि महीनों बाद SIT ने अपनी प्रारंभिक जांच में दुर्घटना के वास्तविक कारण का पता लगाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी।
जहां कई लोग भाजपा की गुजरात सरकार और उस कंपनी पर उंगली उठा रहे थे जो पुल के निर्माण के प्रभारी थे, वहीं SIT जांच से पता चला है कि मोरबी में दुर्घटना पुल की मरम्मत और रखरखाव में चूक के कारण हुई है।
गुजरात SIT टीम ने कारण का खुलासा करते हुए कहा कि एक केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग और पुराने और नए सस्पेंडर्स की एक साथ वेल्डिंग कुछ बड़े कारण हैं।
Morbi Bridge हादसे पर SIT का बयान
अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (Oreva Group) मच्छू नदी पर ब्रिटिश समय के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था। आपको बता दें कि ये हादसा पिछले साल 30 अक्टूबर को हुआ था। कंपनी पर उंगली उठाते हुए SIT टीम ने पुल की मरम्मत और रखरखाव में चूक का पता लगाया था।
SIT ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “ये देखा गया कि (उस केबल के) 49 तारों में से 22 में जंग लगा हुआ था, जो दिखाता है कि वो तार घटना से पहले ही टूट गए होंगे। बचे 27 तार हाल ही में टूट गए थे।”
SIT ने ये भी पाया कि नवीनीकरण कार्य के दौरान, “पुराने सस्पेंडर्स को नए सस्पेंडर्स के साथ वेल्ड किया गया था। इस प्रकार के पुलों में सिंगल रॉड सस्पेंडर्स होने चाहिए, जिससे भार उठाने में आसानी हो।”
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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