RBI ने रेपो रेट में 0.35 का किया इजाफा, पांचवी बार लगा जोरदार झटका

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RBI ने बुधवार को एक बड़ा झटका देते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट यानि कि 0.35% इजाफा कर दिया है जिसका सीधा असर शेयर बाजार की मार्केट पर देखने को मिला है और सेंसेक्स इससे 200 अंको से भी ज्यादा टूटकर गिर गया है। बता दें RBI ने पहली रेपो रेट में इजाफा नहीं किया है। इससे पहले मई में भी रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई थी। बता दें कि केंद्रीय बैंक ने उच्च महंगाई (Inflation) पर लगाम लगाने के मद्देनजर रेपो रेट में मई 2022 के बाद से ये लगातार पांचवीं बार बढ़ोत्तरी की है। बात की जाए अगर मई महीने में रेपो रेट के आंकेड़े की तो मई में 0.40%, जून में 0.50% अगस्त में 0.50%  और सितंबर फिर 0.50% की बढ़ोतरी की गई थी. कुल मिलाकर 2022 में अबतक नीतिगत ब्याज दरें 2.25 फीसदी बढ़ गई हैं।

RBI के इस फैसले से आम आदमी के लिए भी काफी परेशानियां खड़ी होने वाली हैं क्योंकि रेपो रेट बढ़ाने से होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी। क्योंकि बैंक आम तौर पर बढ़ी हुई रेपो रेट का बोझ खुद झेलने की बजाय ग्राहकों पर डाल देते हैं। रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा। बैंक आपके सेविंग अकाउंट और सावधि जमा पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं।

लगातार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए भी केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करके इसे काबू में करने की कोशिश करता है। रेपो रेट बढ़ने से महंगाई को कम करने में मदद मिल सकती है। रिजर्व बैंक का मानना है कि ब्याज दर महंगा होने से मुद्रास्फीति की दर पर लगाम लगाई जा सकेगी।

रेपो रेट बढ़ने का असर औद्योगिक विकास पर भी पड़ सकता है। क्योंकि ब्याज दर उनके लिए भी महंगी हो जाएगी। अगर यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो आर्थिक विकास दर भी प्रभावित हो सकती है। इससे रोजगार के दर पर भी असर पड़ने की संभावना रहती है।