RBI Hikes Repo Rate: फेस्टिवल सीजन से पहले RBI ने दिया एक बार फिर झटका, 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया रेपो रेट
RBI (Reserve Bank of India गर्वनर शक्तिकांत दास) ने फेस्टिवल सीजन से पहले EMI पर फिर से झटका दे दिया है। दरअसल शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 0.50 की बढ़ोतरी का एलान कर दिया है। महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। बीते महीने पांच अगस्त को भी RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया।
हालांकि ये पहली बार नहीं है जो रेपो रेट में इजाफा किया गया हो। इससे पहले भी केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है। इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे पहले यह 5.40 पर था शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के झटके के बाद एक और तूफान वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीतियों से उत्पन्न हुआ है दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है। अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था।इसकी वजह से रुपये पर दबाव बढ़ गया था।
केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ के अनुमान को भी 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है शक्तिकांत दास ने कहा कि आज महंगाई 7 फीसदी के आसपास मंडरा रही है। हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में यह 6 फीसदी पर बनी रहेगी रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद कर्ज महंगा हो जाएगा, क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जाएगी। इसके बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका बोझ डालेगे होम लोन के अलावा ऑटो लोन और अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे।
रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन (Loan) और ईएमआई (EMI) से है। दरअसल रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है देश में खुदरा महंगाई दर लगतार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है। बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो अगस्त में यह एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई में कमी दर्ज की गई थी और यह 6.71 फीसदी पर आ गई थी।