आज फिर से भिगोएगी बारिश, तेज हवा के साथ बूंदाबांदी

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बादल, बूंदाबांदी और तेज हवा जैसे मौसम के तेवर ने मार्च और अप्रैल के शुरुआती दिनों के मौसम की तासीर ही बदलकर रख दी। मार्च के 31 दिन और अप्रैल के बीते 5 दिनों में एक बार भी पारा 40 डिग्री तो क्या उसके करीब भी नहीं पहुंच सका है।इस बार के मार्च-अप्रैल (अभी तक) से ज्यादा तो 2006 में फरवरी ही तप गई थी। तब पारा 38 डिग्री के करीब पहुंच गया था। शहर में मार्च में ही गर्मी का यह ट्रेंड है कि पिछले 6 साल में 4 बार पारा 40 डिग्री पार पहुंच चुका है। 3 साल पहले भी तापमान 41 डिग्री पर भी पहुंच गया था। इस बार हालत यह है कि 29 मार्च को अब तक का अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री रहा।

ऐसे मौसम की 5 खास वजह

  1. जितने वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जनवरी-फरवरी में नहीं आए, उससे दोगुने मार्च में आए। अभी तक यह सिलसिला जारी है।
  2. राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में चक्रवाती हवा के घेरे भी बनते रहे।
  3. बारिश कराने वाली ट्रफ लाइन भी बनी। ईस्ट वेस्ट ट्रफ लाइन तक बन गई।
  4. इन सिस्टम के कारण सिर्फ अरब सागर से नहीं, बल्कि बंगाल की खाड़ी से भी नमी आई।
  5. इन सभी का यह असर हुआ कि शहर में गरज-चमक वाले बादल (सीबी क्लाउड) बने। जिनके कारण बादल छाए, बूंदाबांदी हुई और तेज हवा चली। तीन बार तो ओले तक गिरे
    इस बार यह ट्रेंड, तापमान में इजाफा फिर भी सामान्य से ऊपर नहीं पहुंचा

इस बार दिन के तापमान पर यह ट्रेंड बना है कि तापमान में इजाफा तो हो रहा है, लेकिन पारा सामान्य से ऊपर नहीं पहुंच पा रहा। बुधवार को दिन का तापमान 35.7 डिग्री दर्ज किया गया। मंगलवार के मुकाबले इसमें 1.8 डिग्री का इजाफा भी हुआ। इसके बावजूद यह सामान्य से 1 डिग्री कम रहा।

3 घंटे में सिर्फ 1.8 डिग्री चढ़ पाया पारा

दिन में मौसम के तेवर नरम रहने का असर पारे की चाल पर भी पड़ रहा है। हालत यह है कि बुधवार सुबह 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक 3 घंटे में तापमान में सिर्फ 1.8 डिग्री का ही इजाफा हो सका। बुधवार को सुबह 11:30 बजे पारा 32.6 डिग्री पर था। यह दोपहर 2:30 बजे 34.4 डिग्री तक ही पहुंच सका

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