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राघव चड्ढा ने यमुना में जहरीले झाग के लिए यूपी और हरियाणा सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बात

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना में झाग के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया है। इसके कारणों को भी उन्होंने विस्तार से रखा है। उन्होंने यमुना में झाग रोकने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा से अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करने का आग्रह किया है।

जहां केजरीवाल सरकार यमुना को साफ रखने की पूरी कोशिश कर रही है, वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा करीब 150 एमजीडी गंदा पानी यमुना में छोड़ रहा है: चड्ढा

डीजेबी के उपाध्यक्ष ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यूपी और हरियाणा की सरकारों को इस बात की परवाह नहीं है कि वे यमुना में गंदा पानी छोड़ रहे हैं। वहीं दिल्ली जल बोर्ड अपनी एसटीपी की क्षमता बढ़ाने पर लगातार काम कर रहा है, ताकि अनुपचारित अपशिष्ट पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाए।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार की लापरवाही से यमुना में झाग देखकर बेहद व्यथित हूं, उनसे अपनी कार्य प्रणाली को ठीक करने का आग्रह करता हूं- राघव चड्ढा

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण बन रहे झाग का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि ओखला बैराज उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के अधीन आता है। उसके ढुलमुल रवैये के कारण चारों तरफ जलकुंभी के पौधे उग आते हैं। यह समझने की जरूरत है कि जब ये जलकुंभी के पौधे सड़ जाते हैं। तब वे फॉस्फेट जैसे सर्फेक्टेंट छोड़ते हैं।

यमुना नदी में झाग किस तरह बनते हैं, इस संबंध में बताते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि  फास्फेट जैसे सर्फेक्टेंट वाला पानी जब कालिंदी कुंज में ऊंचाई से गिरता है, तो यह झाग पैदा करता है। बड़ी मात्रा में निकलने वाले झाग पानी की सतह पर तैरते हैं। इस झाग को हटाना बेहद मुश्किल होता है।

यमुना नदी के झाग के कारणों पर विस्तार से बताते हुए डीजेबी उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में संचालित कागज और चीनी उद्योग भी सर्फेक्टेंट युक्त गंदे पानी को ओखला बैराज में हिंडन नहर के माध्यम से कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में छोड़ते हैं। इससे झाग बनने लगता है और यमुना में जमा हो जाता है।

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