नशे पर नियंत्रण पाने में पंजाब बनेगा मॉडल राज्य : स्वास्थ्य मंत्री

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Punjab : राज्य में नशे की लत का डटकर मुकाबला करने के उद्देश्य से पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को राज्य में एक व्यापक मानसिक स्वास्थ्य नीति तैयार करने के लिए विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया।

पंजाब की तंदुरुस्ती की यात्रा विद साइकोलोजीकल वेल बीइंग विषय पर विशेषज्ञों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा अपनाई गई मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर केंद्रित व्यापक रणनीति के तहत नशे की लत से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और राज्य में नशे के खतरे को कम करने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करना था।

बहु-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण अपनाने को प्राथमिकता

बैठक के मुख्य सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार नशे की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुआयामी और बहु-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण अपनाने को प्राथमिकता दे रही है।

मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होना

डॉ. बलबीर सिंह ने जोर देकर कहा कि नशामुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे किसान हाल ही में प्रवासी बने पंजाबी और मजदूर सहित समाज के सभी वर्गों को मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित सलाह दी जाएगी ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के नशे की प्रवृत्ति को रोका जा सके।

एकीकरण आसान बनाना

नशे की आपूर्ति को नियंत्रित करने में पंजाब पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नशा करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास प्रावधानों (धारा 64-ए के तहत) के अधिकतम उपयोग की अपील की। इस पहल का उद्देश्य समाज में उनका पुन : एकीकरण आसान बनाना है।

बेहतर परामर्श सेवाएँ प्रदान

डॉ बलबीर सिंह ने धार्मिक संगठनों के सहयोग से 4 से 5 नए पुनर्वास केंद्र खोलने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन संगठनों के सहयोग से युवाओं और उनके परिवारों के लिए बेहतर परामर्श सेवाएँ प्रदान करने हेतु समुदाय सहायता समूह बनाएगी।

सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नशा करने वाले व्यक्तियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए और समाज द्वारा उन्हें इन चुनौतियों से बाहर निकलने के लिए समर्थन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नशे को नियंत्रित करने के लिए लाई गई यह नई नीति नशे के खिलाफ लड़ाई में पंजाब को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करेगी।

एकीकरण सुनिश्चित करना

कौशल विकास के माध्यम से नशा करने वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाना राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक नशा करने वाले व्यक्ति को किसी न किसी कौशल से लैस कर पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएँ ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस पहल का उद्देश्य उनकी रिकवरी में सहायता करना और समाज में उनका पुनः एकीकरण सुनिश्चित करना है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल ने स्वास्थ्य मंत्री को सरकारी स्वास्थ्य नीतियों को सही ढंग से लागू करने का आश्वासन दिया।

चर्चाएँ आयोजित की गई

इस संबंध में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए चार पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं जिनमें शामिल विषय थे। पंजाब में नशा छुड़ाने के कार्यक्रम क्या सुधार की आवश्यकता है?

मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति उपचार के हिस्से के रूप में कौशल विकास पंजाब मानसिक स्वास्थ्य नीति (ड्राफ्ट पर चर्चा) और तनाव प्रबंधन और आत्महत्या रोकथाम शामिल हैं।

साइकियाट्रिस्ट्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित

इस बैठक में पीएसएसीएस के परियोजना निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा एनएचएम के एमडी घनश्याम थोरी एडीजीपी नीलाभ किशोर पंजाब विकास आयोग के सदस्य अनुराग कुंडू एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. अतुल अंबेकर पीजीआई के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. देबाशीष बसु, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डॉ. हितिंदर कौर ईएसआई निदेशक डॉ. जसप्रीत कौर मेडिकल शिक्षा निदेशक डॉ. अवनीत कुमार एपीडी डॉ. बॉबी गुलाटी एडी (मानसिक स्वास्थ्य) डॉ. संदीप भोला एडवोकेट जसतेज सिंह (एजी पंजाब के प्रतिनिधि) कर्नल राजिंदर सिंह (बाड़ू साहिब धार्मिक संगठन के प्रतिनिधि) नारकोटिक्स एनोनिमस के प्रतिनिधि और एसोसिएशन ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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