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नया बिल बेअदबी को रोकने के लिए ऐतिहासिक कदम, सभी धर्मों के सम्मान को यकीनी बनायेगा : कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा

Punjab News : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने आज कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के विरुद्ध अपराध रोकथाम बिल, 2025 लाकर धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने बेअदबी के मामलों में कार्यवाही करने में नाकाम रहने के लिए शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की सख़्त आलोचना की.

आज यहाँ पंजाब विधान सभा में बिल पर चर्चा के दौरान अमन अरोड़ा ने इस बात पर रौशनी डाली कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस की सरकारें, बेअदबी की घटनाओं ख़ास कर 2015 के बरगाड़ी, कोटकपूरा और बहबल कलाँ कांड, जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की गई थी, में लोगों को इंसाफ देने में सिरे से नाकाम रही हैं.

मुलजिम के तौर पर नामजद नहीं किया

कांग्रेस पार्टी के दोहरे चेहरे को उजागर करते हुये अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा कई विशेष जांच टीमें (एसआईटी) और कमिशनों के गठन के बावजूद किसी ने भी बादलों को बेअदबी के मामलों में मुलजिम के तौर पर नामज़द नहीं किया, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता में आने के बाद इन मामलों की गहराई से जांच शुरू की गई, उन्होंने बताया कि एडीजीपी एल. के. यादव के नेतृत्व वाली सिट ने अदालत में 7 000 से अधिक पन्नों का चालान पेश किया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मरहूम प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और अन्य को मुलजिम के तौर पर नामजद किया गया है. यह केस इस समय फरीदकोट के अतिरिक्त सैशन जज की अदालत में चल रहा है.

हमारी सरकार की इमानदारी पर सवाल उठा रहे

अमन अरोड़ा ने कहा कि सिख धर्म के रखवाले होने का दावा करने वाले बादलों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के बारे कुछ नहीं किया, उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने प्रदर्शन के लिए 2016 में केंद्र को एक कमज़ोर बिल भेजा था, जिसको यह हवाला देते रद्द कर दिया गया था कि यह बिल सिर्फ़ एक धार्मिक ग्रंथ की रक्षा की बात करता है, उन्होंने कहा कि अब निराशा में घिरे यह नेता हमारी सरकार की इमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पिछली सरकारें बेअदबी के मामलों के मुख्य दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में नाकाम रही, जिस कारण जांच में देरी होती रही. इसके उलट “आप” सरकार ने इस गंभीर मामले के प्रति निर्णायक पहुँच अपनाते हुये सभी मामलों में दोष पत्र दायर किये, जिसमें जांच के नतीजों के आधार पर बादलों सहित कई व्यक्तियों को मुलजिम के तौर पर नामजद किया गया.

पवित्र ग्रंथों के लिए बराबर सम्मान की बात करता

बिल के मुख्य उपबंधों पर रौशनी डालते हुये अमन अरोड़ा ने कहा कि इसमें बेअदबी के लिए सख्त सजाओं का उपबंध किया गया है, जिसमें 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा शामिल है. व्यापक सलाह-मशवरे के बाद तैयार किया गया यह बिल बेअदबी को व्यापक तौर पर परिभाषित करता है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब, गुटका साहब, श्रीमद् भगवद गीता, कुरान शरीफ और पवित्र बाइबल जैसे धार्मिक ग्रंथों के साथ छेड़छाड़, ग्रंथों को जलाना, फाड़ना, बेअदबी और अन्य किसी भी तरीके के साथ नुकसान पहुँचाने जैसे अपराध शामिल हैं. ज़िक्रयोग्य है कि इस बिल में बेअदबी के अपराध को गैर-जमानती और समझौता-रहित अपराध के तौर पर पारिभाषित किया गया है, जिसकी कम से कम सजा 10 साल कैद और 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना है. यह एक समावेशी बिल है, जो सभी पवित्र ग्रंथों के लिए बराबर सम्मान की बात करता है.

अधिकारी द्वारा मामलों की जांच की जायेगी

उन्होंने कहा कि यह बिल तेजी से जांच को यकीनी बनाता है, जिसमें डीएसपी या इससे पर के रैंक के अधिकारी द्वारा मामलों की जांच की जायेगी. इसके साथ ही यह बिल बेअदबी के मामलों में सबूतों को सम्मानजनक संभालने के उपबंध के अंतर्गत धार्मिक अवशेषों के निरादर पर रोक लगाता है. यह उपबंध पवित्र ग्रंथों को मान-सम्मान की महत्ता पर जोर देते हुये बेअदबी की घटनाओं में तेजी से न्याय को यकीनी बनायेगा.

बेअदबी के मामलों में न्याय जरूर मिलेगा

सभी राजनैतिक पार्टियों को बिल का समर्थन करने की अपील करते हुये अमन अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि “आप” के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पंजाब के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने की रक्षा के लिए अपनी वचनबद्धता पर हमेशा अटल है और “आप” सरकार राजनैतिक लाभ के लिए धार्मिक आस्था और शिष्टाचार को भंग करने की इजाजत नहीं देगी. अमन अरोड़ा ने जोर देते हुये कहा कि हम किसी भी कीमत पर पंजाब की धार्मिक सदभावना को ठेस नहीं लगने देंगे और इस बार बेअदबी के मामलों में न्याय जरूर मिलेगा.

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