
Punjab News : आज यहां पंजाब विधानसभा में ‘प्रीवेन्शन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पंजाब संशोधन) बिल, 2025’ की पेशकश और उस पर हुई चर्चा के दौरान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस बिल की सराहना करते हुए कहा कि यह बिल पंजाब की सांस्कृतिक विरासत को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
मंत्री ने कहा कि मनुष्य और पशुओं के बीच संबंध बहुत पुराना और गहरा है. मनुष्य जंगलों से निकलकर अपनी बुद्धि और संवाद के साधनों के जरिए आज की प्रगति तक पहुँचा है, लेकिन दुख की बात है कि विकास की इस दौड़ में उसने पशु-पक्षियों के साथ अत्याचार और दुर्व्यवहार भी शुरू कर दिया.
अपनी समझदारी से शासन करना सीखा
उन्होंने कहा कि जहाँ मनुष्य ने अपनी समझदारी से शासन करना सीखा, वहीं अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए पशुओं पर भी अधिकार जताने लगा. एक कथा के माध्यम से उन्होंने दर्शाया कि सबसे अधिक ताकतवर प्राणी बन चुके मनुष्य ने जानवरों की भलाई की जिम्मेदारी निभाने की बजाय उन पर अत्याचार करने शुरू कर दिए.
इसका नुकसान मानव जाति को ही भुगतना पड़ता
डॉ. बलजीत कौर ने विधानसभा के माध्यम से यह संदेश दिया कि धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं बनी, बल्कि इस पर प्रत्येक जीव-जंतु, पशु-पक्षी और सूक्ष्म जीवों का भी समान अधिकार है. जब प्रकृति के किसी हिस्से पर अत्याचार होता है तो उसका संतुलन बिगड़ता है और अंततः इसका नुकसान मानव जाति को ही भुगतना पड़ता है.
पंजाबी परंपराओं को पुनर्जीवित करने की कोशिश की
उन्होंने कहा कि पंजाब की संस्कृति हमेशा से पशु-पक्षियों को परिवार का हिस्सा मानती रही है. गाय, भैंस, बैल और अन्य पशुओं को बच्चों की तरह पाला जाता रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद करते हुए मंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में पशु-पक्षियों की सुरक्षा और पंजाबी परंपराओं को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है.
इस बिल का पूरा समर्थन करती हूँ
मंत्री ने कहा कि इस तरह का बिल पहली बार पंजाब विधानसभा में प्रस्तुत हुआ है, जो मानवीय सभ्यता, पशु-पक्षियों के अधिकारों और प्रकृति के संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. अंत में उन्होंने कहा, “पशु-पक्षियों की सुरक्षा और सेवा हमारी ज़िम्मेदारी है, और मैं इस बिल का पूरा समर्थन करती हूँ।”
यह भी पढ़ें : Bihar Free Electricity Scheme : 100 यूनिट फ्री बिजली! नीतीश कुमार का चुनावी धमाका, लाखों लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप