पंजाब के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में बड़े सकारात्मक बदलाव, आई.टी.आई. में दाखिलों में भारी वृद्धि दर्ज

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Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने के प्रयास और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सकारात्मक बदलावों के परिणामस्वरूप, पंजाब में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) में दाखिलों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।

औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, 2025 तक कुल सीटों की संख्या को बढ़ाकर 52,000 करने के लक्ष्य के तहत, इस वर्ष सरकारी आई.टी.आई. में 25% सीटें बढ़ाई गई हैं। मौजूदा सत्र 2024-25 में, 137 सरकारी आई.टी.आई. में 93.04% सीटें भरी गई हैं।

पॉलिटेक्निक और आई.टी.आई. छात्रों की इंटर्नशिप

औद्योगिक मांगों के अनुरूप प्रशिक्षण देने के लिए, औद्योगिक क्षेत्र के सहयोग से सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डुअल स्किल ट्रेनिंग (डी.एस.टी.) प्रणाली शुरू की गई है।

औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र में 27 नए उद्योग-उन्मुख कोर्स, जैसे कि एग्रो प्रोसेसिंग, बेकर और कन्फेक्शनर, इलेक्ट्रोप्लेटर, सोलर टेक्नीशियन, और टेक्सटाइल वेट प्रोसेसिंग टेक्नीशियन आदि, शुरू किए हैं।

विभाग ने एम.पी.एल.ए.डी. योजना के तहत लुधियाना, पटियाला, मोहाली, सुनाम और माणकपुर शरीफ में पांच सरकारी आई.टी.आई. को अपग्रेड किया है। इसके अलावा, विभाग ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के साथ अकादमिक सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य एच.बी.सी.एच. एंड आर.सी. में पॉलिटेक्निक और आई.टी.आई. छात्रों की इंटर्नशिप करवाना है।

सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

गौरतलब है कि तकनीकी शिक्षा विभाग राज्य में आई.टी.आई. को मजबूत और उन्नत बनाने के लिए निवेश आकर्षित करने में सफल रहा है। 23 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को विश्व बैंक की सहायता प्राप्त परियोजना “स्टाइव” के तहत अपग्रेड किया गया है। कार्यशालाओं को अपग्रेड करने के लिए नवीनतम मशीनरी खरीदने हेतु 12.72 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

राज्य में 25 नए सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सिविल कार्यों पर 15 करोड़ रुपये और मशीनरी की खरीद पर 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वित्त विभाग द्वारा 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

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