पंजाब के मुख्यमंत्री ने संभाला कार्यभार, जाखड़ बोेले-सीएम के अधिकार कमजोर होने की संभावना

चंडीगढ़: सोमवार को पंजाब के चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। बता दें चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बन गए हैं। चरणजीत सिंह चन्नी को दलितों के नेता माने जाते हैं। सोमवार को कांग्रेस नेता ओपी सोनी और सुखजिंदर रंधावा ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चन्नी को नये मुख्यमंत्री चुने जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को बधाई दी थी, लेकिन सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
कार्यभार संभालते ही कांग्रेस का किया धन्यवाद
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कार्यभार संभालते ही कांग्रेस का धन्यवाद करते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी ने गरीब को मुख्यमंत्री बनाया, इतनी मेरी हैसियत नहीं थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गरीब लोगों के साथ खड़े हैं। उन्होंने किसानों के लिए कहा कि अगर उन पर आंच आई, तो अपनी गर्दन पेश कर दूंगा। आगे उन्होंने कहा ये आम आदमी की सरकार है और हम गरीब के बिजली-पानी के बिल माफ करेंगे।
बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह नदारद
बता दें शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा राजपाल को सौंप दिया था। पंजाब कांग्रेस विधायक दल की शनिवार को हुई बैठक में विधायकों की सहमति से चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया। बता दें पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों का आना अनिवार्य था लेकिन इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह नदारद नजर आए। कैप्टन के साथ एक और विधायक इस बैठक में शामिल नही थे। हालांकि बैठक में कैप्टन गुट के विधायक मौजुद थे।
सुनील जाखड़ का बयान
बता दें चन्नी के शपथ के बाद ही कांग्रेस पार्टी में कलह के बादल मंडरा रहे हैं। सुनील जाखड़ जिनका नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के तौर पर चल रहा था उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण दिवस पर हरीश रावत का यह कथन कि ‘चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाएंगे’, चौंकाने वाला है। इससे मुख्यमंत्री के अधिकार कमजोर होने की संभावना है, और इससे उनके चयन का उद्देश्य भी खारिज हो जाता है।”