Professor Sameer khandekar: सेहत का ध्यान रखने की सलाह देते वक्त हो गई मौत

Professor Sameer Khandekar Died
Professor Sameer khandekar: मौत की कोई जगह कोई वक्त नहीं होता। वो कब हमारी जिंदगी में आ धमकेगी इस बात का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। आप शुरूआत की जो लाइनें पढ़ रहे है इसका ताल्लुक है कानपुर आईआईटी (IIT) के सीनियर वैज्ञानिक प्रो. समीर खांडेकर(Sameer khandekar)। बता दें कि प्रोफेसर इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार(22 दिसंबर) को IIT कानपुर में एल्युमिनाई मीट को संबोधित करते हुए हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली। अपनी स्पीच के दौरान दर्द के कारण वे स्टेज पर ही नीचे बैठ गए। बहुत देर तक लोगों को यही लगता रहा कि समीर भावूक हो गए है, पर जब देर हो गई तब लोगों ने भागकर उन्हें उठाया। प्रोफेसर को आनन-फानन में हैलट के कॉर्डियोलाजी ले जाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हादसे के वक्त सेहत का ध्यान रखने की दे रहे थे सलाह
इन सब के बीच दुख की बात यह थी कि जब उनके साथ यह हादसा हुआ उस वक्त वे सेहत को लेकर स्पीच दे रहे थे। उनके आखिरी शब्द थे…सेहत का ध्यान रखें। यह कहते ही उनके चेहरा पसीना-पसीना हो गया। तबीयत बिगड़ी और बेहोश हो गए।
जानकारी के मुताबिक प्रो. खांडेकर को साल-2019 में कोलेस्ट्राल की परेशानी हुई थी। जिसको लेकर उनकी दवाइयां चल रहीं थीं। प्रो. एचसी वर्मा ने बताया कि दो दिन पहले बुधवार को ही प्रो. खांडेकर सोपान आश्रम आए थे और बच्चों को विज्ञान के नियम बताए थे। प्रो. खांडेकर के निधन से उन्हें जानने वाले स्तब्ध हैं।
प्रो. समीर खांडेकर की छोटी सी जीवनी
बता दें कि 55 साल की उम्र में प्रोफेसर ने अपने जीवन में अच्छा मुकाम हासिल कर लिया था। प्रो. खांडेकर IIT कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक होने के साथ ही डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद पर भी कार्यरत थे। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी पत्नी प्रद्यन्या खांडेकर और उनका बेटा प्रवाह खांडेकर हैं।
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समीर खांडेकर का जन्म 10 नवंबर 1971 को जबलपुर में हुआ था। उन्होंने 2000 में आईआईटी कानपुर से बी.टेक की उपाधि प्राप्त की और 2004 में जर्मनी से पीएचडी पूरी की। इसके बाद वह 2004 में सहायक प्रोफेसर के रूप में आईआईटी में शामिल हो गए।
2009 में एसोसिएट प्रोफेसर, 2014 से प्रोफेसर, 2020 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग संकाय के प्रमुख बने। 2023 में, उन्होंने अकादमिक मामलों के डीन का पद संभालावह शिक्षा सोपान आश्रम से भी जुड़े थे, जिसके अध्यक्ष एच.के. वर्मा थे।
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