काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को मिलेगा सरकारी अफसर जैसा दर्जा, मिलेंगी ये सुविधाएं
Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है। मंदिर से जुड़े लोगों को सरकारी अधिकारी का दर्जा दिए जाने का फैसला लिया गया है। मंदिर के पुजारियों को, सिविल सेवकों जैसा दर्जा दिया जाएगा। अब पुजारियों, लिपिकों और शास्त्रियों की नई नियुक्तियां होंगी।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों, लिपिकों और सेवकों की नियुक्ति के लिए नई सेवा नियमावली तैयार की है। 40 साल बाद निर्मित धार्मिक मैनुअल देश भर के चर्चों, पूजा स्थलों और ट्रस्टों के लिए एक उदाहरण बन जाएगा। ट्रस्ट ने नियमावली तैयार कर मंडलायुक्त को परीक्षण के लिए भेज दिया है। सेवा नियमावली में कर्मचारी सहायता की भी बार-बार पेशकश की जाती है। पुजारियों, क्लर्कों और मंत्रियों को भी छुट्टी मिल सकती है।
16 सदस्यीय समिति ने की सिफारिश
अर्चकों को सिविल सेवकों की तरह ग्रेड और सूचकांक दिया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत 16 सदस्यीय समिति ने पादरियों को कॉलेज प्रोफेसरों का वेतन देने की सिफारिश की है। मंदिर में नियुक्त कर्मचारियों और सेवकों के लिए भी मसौदा नियमावली तैयार की गई है। समिति के प्रमुख सदस्यों में अतिरिक्त अध्यक्ष प्रो निखिलेश मिश्र और चंद्रमौलि उपाध्याय प्रो ब्रज भूषण ओझा भी शामिल हैं।
नए नियमों से पुराने पुजारियों को होगा लाभ
ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे ने कहा कि नई सेवा नियमावली आने के बाद भी पुराने पुजारियों और स्वतंत्र शास्त्रियों को मौका दिया जाएगा। नए नियमों से पुराने पुजारियों को लाभ होगा और शास्त्री से निःशुल्क साक्षात्कार के बाद वे मान्यता प्राप्त पुजारी बन जायेंगे।
40 साल बाद बनकर तैयार हुई नियमावली
पुजारियों, पादरी और मंदिर कर्मचारियों के लिए सेवा के नियमों में ट्रस्ट बहुत महत्वपूर्ण है। यदि किसी पुजारी, सेवक या कर्मचारी से शिकायत प्राप्त होती है, तो ट्रस्ट राज्य के नियमों के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे ने बताया कि 40 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों, लिपिकों और सेवकों के लिए सेवा नियमावली पूरी तैयार की गई है। इसे न्यासी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और सहमति होने पर अनुमोदन के लिए सरकार को भेजा जाएगा। सरकार से मंजूरी मिलते ही इसे तुरंत लागू कर दिया जाएगा और भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी।
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