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राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास, कार्यक्रम के बीच बारिश पर कहा- ये संयोग शुभ संकेत हैं

गोरखपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द यूपी के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान राष्ट्रपति गोरखपुर पहुंचे। वहां उन्होंने आयुष विश्वमविद्यालय के निर्माण की आधारशिला रखी। इसके कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय ने नोटिस के माध्यम से सुचना भी दी है। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के उद्धाटन के दौरान कहा, ‘कोरोना महामारी के दौरान लोगों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष पद्धति ने एक महत्वपुर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति के आधारशिला रखते ही वहां बारिश होने लगी जिसपर महामहिम ने कहा कि यह संयोग इस परियोजना के लिए शुभ शुरुआत है।

आगे उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में देखभाल और उपचार की कई पारंपरिक और गैर-पारंपरिक प्रणालियाँ प्राचीन काल से प्रचलित हैं। चिकित्सा की इन प्रणालियों की व्यवस्थित शिक्षा और अनुसंधान के लिए, 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था और यूपी की सरकार ने भी साल 2017 में आयुष विभाग का गठन किया है।

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के नामकरण पर कहा, ‘बाबा गोरखनाथ उन अग्रदूतों में से एक रहे हैं जिन्होंने आपातकालीन दवाओं के रूप में खनिजों और धातुओं से दवाएं तैयार की हैं। इसलिए इस विश्वविद्यालय का नाम “महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय” रखना काफी उपयुक्त है’।

राष्ट्रपति कोविंद ने देश के लोगों से आह्वान किया और कहा कि जो भी जनहित, हितकारी और सबके लिए सुलभ हो, उसे अपनाने में संकोच नहीं करना चाहिए। आदिवासी समाज में जड़ी-बूटियों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान की समृद्ध परंपरा रही है, लेकिन पिछले दो दशकों में देश भर में आयुष चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता बढ़ी है। औषधीय जड़ी बूटियों और पौधों की मांग बढ़ी है जिसके परिणामस्वरूप किसानों और वनवासियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार पैदा हो रहा है।

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