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Politics: विरासत पर टैक्स ही नहीं, पहले भी कई बयानों के चलते सुर्खियों में रह चुके सैम पित्रोदा

Sam Pitroda

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Sam Pitroda: विरासत पर टैक्स वाले बयान से एक बार फिर सुर्खियों में आए सैम पित्रोदा का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है. उन्होंने पहले भी 1984 में हुए सिख दंगों से लेकर अन्य मामलों पर भी विवादित बयान दिए हैं. इन मामलों में विपक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर करारा हमला बोला है.

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राहुल गांधी के संपत्ति के सर्वे वाले बयान पर सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. किसी भी व्यक्ति के मरने पर उसकी 45 फीसदी संपत्ति संतान को दी जाती है तो वहीं शेष 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक होता है. मरने के बाद आपको जनता के लिए अपनी संपत्ति छोड़नी चाहिए. यह रोचक कानून है. मुझे सही लगता है. भारत में किसी के मरने के बाद उसकी सारी संपत्ति बच्चों को मिल जाती है. जनता को कुछ नहीं मिलता. इस तरह के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि इसका क्या निचोड़ होगा. हम नई नीति और प्रोग्राम की बात कर रहे हैं. ये जनता के हित में हों न कि सिर्फ अमीरों के हित में.

बात अगर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयानों की करें तो उन्होंने 1984 में हुए सिख दंगों पर 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था कि अब इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है. जो हुआ सो हुआ. बीजेपी अपने पांच साल के कार्यकाल का हिसाब दे. दरअसल बीजेपी ने तब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर सिख दंगों का आरोप लगाया था. पित्रोदा ने इस आरोप को झूठ बताया था.

सिख दंगों वाले बयान पर पीएम मोदी ने भी फरवरी 2024 में तंज कसा था कि कांग्रेस पार्टी के एक मार्गदर्शक अमेरिका में बैठे हैं. कांग्रेस उनके बहुत करीब है. जो हुआ तो हुआ वाले अपने बयान से काफी लोकप्रिय हैं.

बात अगर जून 2023 की करें तो राहुल गांधी की मौजूदगी में अमेरिका में पित्रोदा ने एक बयान दिया उस पर भी खूब बवाल हुआ. उन्होंने कहा मंदिर से बेरोजगारी स्वास्थ्य, महंगाई जैसी समस्याएं हल नहीं होतीं. इस पर बात नहीं की जा रही है. हर कोई राम, हनुमान और मंदिर की बात कर रहा है. मंदिर से रोजगार नहीं मिलता है.

वहीं उन्होंने अप्रैल 2019 में ही कहा था कि मिडिल क्लास स्वार्थी न बने. वे पार्टी की प्रस्तावित न्याय योजना को फंड देने के लिए अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा था कि अगर यह योजना अमल में आई तो मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. वहीं रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. उनके इस बयान से कांग्रेस की खूब फजीहत हुई. बाद में पार्टी नेताओं ने ही डेमेज कंट्रोल किया.

वहीं फरवरी 2019 में सैम पित्रोदा ने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं. उन्होंने इसके बाद सरकार के एयर स्ट्राइक के दावों पर भी सवाल खड़े किए और सबूत मांगे. मुबंई हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम भी प्लेन भेज सकते थे लेकिन यह तरीका ठीक नहीं है. वैश्विक समस्याओं का हल इस तरह से नहीं किया जा सकता. वहीं उन्होने यह भी कहा था कि मुठ्ठी भर लोगों की वजह से सभी पाकिस्तानियों को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है.

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