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मुलायम सिंह यादव के एक फैसले ने उन्हें कैसे बना दिया मुस्लिम समाज का चहेता नेता

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मुलायम सिंह यादव आज हम लोंगों के बीच नहीं हैं, लेकिन उनके राजनीतिक सफर की चर्चाएं शायद सालों तक याद रखी जाएंगी। आपको बता दें हमारे देश का एक ऐसा धर्म भी है जो मुलायम सिंह यादव के फैसलों का हमेशा से ही मुरीद रहा है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर मुलायम सिंह यादव के एक फैसले ने उन्हें कैसे मुस्लिम समाज का सबसे चहेता चेहरा बन दिया।

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 समय था 30 अक्टूबर 1990  जब धरती पुत्र के नाम से मशहूर  मुलायम सिंह यादव ने पुलिस को अयोध्या में इकठ्ठा होकर विवादित बाबरी मस्जिद पर चढ़ने की कोशिश करने वाले कार सेवकों पर गोलियां चलाने का खुला आदेश दे दिया, आपको बता दें कि इस घटना में करीब 30 से 35 लोगों की मौत भी हो गई थी।

कई लोगों ने इस फैसले को लेकर उनका विरोध भी किया यहां तक कि विरोधी उन्हें ‘मुल्ला मुलायम’ कहने लगे। माना जाता है कि यहीं से वो अल्पसंख्यक समाज के पसंददीदा चेहरे के रूप में भी सामने आए

पुलिस फायरिंग की घटना के ठीक दो साल बाद, कारसेवकों का एक और समूह बाबरी पर चढ़ गया और विवादित ढांचा तोड़ दिया गया। सीएम मुलायम ने मुसलमानों से सरकार में विश्वास बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “मस्जिद को नुक्सान नहीं पहुंचने देंगे। लाठीचार्ज के बाद कई कारसेवक तितर-बितर तो हुए, लेकिन मुट्ठी भर लोगों ने बाबरी के गुंबदों को तोड़ डाला। यहीं से समय बदला और मुलायम सिंह ने अपनी पार्टी का गठन भी किया जिसका नाम दिया समाजवादी पार्टी।

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