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दुर्गेश पाठक बोले- भाजपा ने दिल्ली निगम को इतना लूटा है कि अब निगम के पास किसी को देने के लिए पैसा ही नहीं

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित निगम ने लंबे समय से विज्ञापन एजेंसियों का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में एजेंसियों ने अखबारों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विकास कार्यों के टेंडरों के विज्ञापन छापने से मना कर दिया है। एमसीडी प्रभारी ने निगम की पारदर्शिता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यदि एजेंसियों को भुगतान का पैसा नहीं मिल रहा है तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम में निगम पार्षदों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाला 50 लाख का फंड कहां जा रहा है? आम आदमी पार्टी ने भाजपा से जल्द से जल्द सभी एजेंसियों का भुगतान करने की मांग की है।

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भ्रष्ट भाजपा निगम की आदत बन गई है, काम के बाद भुगतान नहीं करना- दुर्गेश पाठक

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने शुक्रवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि आप लोग जब अखबार पढ़ते होंगे तो उसमें दिल्ली नगर निगम में विकास कार्यों से सम्बंधित विज्ञापन भी ज़रूर देखते होंगे। अब इन अखबारों ने भी एमसीडी के विज्ञापन छापने से मना कर दिया है। इसका एक बड़ा कारण है। इन विज्ञापनों का टेंडर जिन एजेंसियों के पास है, आपको जानकर हैरानी होगी कि नॉर्थ एमसीडी ने लंबे समय से विज्ञापन एजेंसियों का भुगतान नहीं किया है। विज्ञापन एजेंसियों का भारी-भरकम बिल नगर निगम पर बकाया है।

अखबारों ने बंद किया भाजपा की एमसीडी का विज्ञापन छापना, करोड़ों का भुगतान बाकी: एमसीडी प्रभारी

एमसीडी प्रभारी ने कहा, एमसीडी में सत्तारूढ़ भाजपा विज्ञापन तो छपाने में माहिर है लेकिन जब भुगतान की बारी आती है तो इनकी जेबें खाली हो जाती हैं। भाजपा को मुफ्त में काम कराने की आदत सी हो गई है। लेकिन यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि यदि एजेंसियों को भुगतान का पैसा नहीं मिल रहा है तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम में निगम पार्षदों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाला 50 लाख का फंड कहां जा रहा है? इसकी जवाबदेही कौन करेगा?

आम आदमी पार्टी की मांग है कि भाजपा जल्द से जल्द सभी एजेंसियों का भुगतान करे- दुर्गेश पाठक

उन्होंने कहा, एक विज्ञापन एजेंसी के प्रतिनिधि का कहना है कि बीते दो साल से उनका भुगतान नहीं किया गया है। पिछले दिनों केवल पांच-पांच लाख रूपए हर एजेंसी को जारी किए हैं। जबकि एजेंसियों का बकाया करोड़ों में है। उनका कहना है कि अब कुछ निगम अधिकारी उनसे कमीशन की मांग कर रहे हैं तो ऐसे में नगर निगम की ओर उधारी नहीं की जा सकती। मतलब एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। पैसा भी नहीं देना है और कमीशन भी खाना है। मैं भाजपा के लोगों से कहना चाहता हूँ कि आखिर कितना गिरेंगे आप। पहले ही दिल्ली को लूट चुके हैं। अब और कितना लूटेंगे।

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