पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में मेजर ध्यानचंद को किया याद, बोले – ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, यही MajorDhyanChand को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। साथ ही मन की बात का यह 80वां संस्करण आकाशवाणी के सभी केंद्रों से प्रसारित किया गया। बता दें कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण प्रसार भारती ने 23 भाषाओं में किया गया। ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है। और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है। क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था।
PM ने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला। जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है। और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवा का मन बदल चुका है।

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में मेजर ध्यानचंद को किया याद
उन्होंने कहा कि आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। unknown जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी, अरे एक बार मन में ठान लेता हैं न युवा, जी-जान से जुट जाता है। दिन-रात मेहनत कर रहा है। हम देखते हैं, अभी कुछ समय पहले ही, भारत ने, अपने Space Sector को open किया और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कॉलेजों के students, university, private sector में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आए हैं।
ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, यही MajorDhyanChand को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि
पीएम बोले कि हमारे आज के युवा का मन बदल चुका है। आज छोटे-छोटे शहरों में भी start-up culture का विस्तार हो रहा है और मैं उसमें उज्जवल भविष्य के संकेत देख रहा हूँ। अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश में खिलौनों की चर्चा हो रही थी। देखते ही देखते जब हमारे युवाओं के ध्यान में ये विषय आया उन्होंने भी मन में ठान लिया कि दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान कैसे बने। खिलौने कैसे बनाना, खिलौने की विविधता क्या हो, खिलौनों में technology क्या हो, Child psychology के अनुरूप खिलौने कैसे हो.. आज हमारे देश का युवा उसकी ओर ध्यान केन्द्रित कर रहा है, कुछ contribute करना चाहता है।