PM मोदी के खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम में मुलाकात पर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?

विराट कोहली के साथ पीएम मोदी PC: ANI
PM Modi Dressing Room Video: वर्ल्ड कप फाइनल में भारत की हार के बाद देश के प्रधानमंत्री खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने ड्रेसिंग रूम पहुंचे थे. जिसका वीडियो काफी वायरल हो रहा है. कुछ लोगों ने पीएम के इस अंदाज को काफी पसंद किया है तो वहीं कुछ लोग अब इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में जाने को लेकर कई लोग सवाल उठा रहे हैं. इनमें 1983 में भारत के लिए पहली बार वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे कीर्ति आज़ाद भी शामिल हैं.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार को अहमदाबाद में हुए वर्ल्ड कप फाइनल के बाद पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से मुलाकात की थी. टीम के प्लेयर्स ने भी अपने अपने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर पीएम से मुलाकात के क्लिप्स शेयर किए हैं. लेकिन अब लगता है कि इस मुलाकात ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है.
ये मुलाकात कुछ लोगों को बिल्कुल रास नहीं आई है. समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से आज जारी वीडियो में पीएम मोदी हार से मायूस खिलाड़ियों से बात करते दिख रहे हैं. ये वीडियो भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में रिकॉर्ड किया लगता है.
इस वीडियो में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पीएम के साथ नज़र आ रहे हैं. वीडियो में पीएम पहले रोहित और विराट से मिलते हैं, उसके बाद कोच राहुल द्रविड़ से मुलाकात कर धीरे-धीरे सभी खिलाड़ियों से व्यक्तिगत मीटिंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
अब इस वीडियो के सामने आने के बाद पीएम मोदी के ड्रेसिंग रूम में जाने पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं.
किसी बाहरी के ड्रेसिंग रूम में जाने की नहीं है इजाजत
साल 1983 में पहला विश्वकप जीतने वाली टीम के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस नेता कीर्ति आज़ाद ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट लिखकर सवाल उठाया है.
उन्होंने लिखा है, “किसी भी टीम का ड्रेसिंग रूम सबसे पवित्र जगह होती है. खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के अलावा आईसीसी किसी को भी इन कमरों में जाने की इजाज़त नहीं देती. भारतीय प्रधानमंत्री को टीम से ड्रेसिंग रूम के बाहर प्राइवेट विज़िटिंग एरिया में मिलना चाहिए. मैं ये बात एक खिलाड़ी के रूप में कह रहा हूं, एक राजनेता के रूप में नहीं.”
PM Modi Dressing Room Video: पत्रकार आनंद वासु ने भी उठाए सवाल
वहीं, लेखक और वरिष्ठ खेल पत्रकार आनंद वासु ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया है.
उन्होंने लिखा है, “ये एक अलोकप्रिय विचार है. लेकिन खिलाड़ियों और उनके सपोर्ट स्टाफ़ के लिए एक सुरक्षित और एकांत जगह के रूप में सिर्फ़ ड्रेसिंग रूम बची है. ये जगह सिर्फ़ और सिर्फ़ उनकी ही बनी रहनी चाहिए. हां, ये सही है कि वे कभी-कभी ड्रेसिंग रूम से वीडियो जारी करते हैं. लेकिन उन मामलों में वीडियो की सामग्री, अवधि, संदर्भ, रिकॉर्डिंग और रिलीज़ के समय पर उनका नियंत्रण रहता है.”