गांधीनगर: राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में PM मोदी, अमित शाह रहे मौजूद
गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गांधीनगर (Gandhi Nagar) के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में स्वागत किया गया। समारोह में उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद रहे। साथ ही PM ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) की इमारत का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे।
आज के ही दिन नमक सत्याग्रह के लिए इसी धरती से दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी
गांधीनगर के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में PM मोदी बोले ये यूनिवर्सिटी देशभर में रक्षा के क्षेत्र में जो अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए इस यूनिवर्सिटी का जन्म हुआ है। इस क्षेत्र में वेल ट्रेंड मेन पावर समय की मांग है। आज के ही दिन नमक सत्याग्रह के लिए इसी धरती से दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी। गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ जो आंदोलन चला, उसने अंग्रेजी हुकूमत को हम भारतीय की सामूहिक सामर्थ्य का अहसास करा दिया था।
देश में कानून व्यवस्था के लिए जो काम होना चाहिए था, उसमें हम पीछे रह गए
पीएम मोदी ने कहा रक्षा के क्षेत्र में 21वीं सदी की जो चुनौतियां हैं, उनके अनुकूल हमारी व्यवस्था भी विकसित हो और उन व्यवस्थाओं को संभालने वाले व्यक्तित्व का विकास हो, इसके लिए इस विश्वविद्यालय का जन्म हुआ है। आज भारत में ऐसी मैन पावर को सुरक्षा के क्षेत्र में लाना जरूरी है, जो सामान्य मानवी के मन में मित्रता और विश्वास की अनुभूति कर सके। दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे देश में कानून व्यवस्था के लिए जो काम होना चाहिए था, उसमें हम पीछे रह गए। आज भी पुलिस के संदर्भ में जो अवधारणा बनी है, वो ये है कि इनसे दूर रहो। वहीं सेना के लिए अवधारणा है कि सेना के लोग आ जाएं तो कोई परेशानी नहीं होती।
यूनिफॉर्म पहन ली तो ये सोचने की गलती मत करना की दुनिया आपकी मुठ्ठी में
अपने संबोधन में PM MODI ने कहा तकनीक एक बहुत बड़ी चुनौती है। अगर विशेषज्ञता नहीं है, तो हम समय पर जो करना चाहिए, वो नहीं कर पाते हैं।जिस प्रकार से साइबर सिक्योरिटी के मुद्दे सामने आते हैं, जिस प्रकार से क्राइम में तकनीक बढ़ती जा रही है, उसी प्रकार से क्राइम को कम करने में तकनीक बहुत मददगार भी हो रही है। यूनिफॉर्म की ताकत तब बढ़ती है, जब माताओं-बहनों, पीड़ित, वंचितों के लिए कुछ कर गुजरने की आकांक्षा होती है। आपने यूनिफॉर्म पहन ली तो ये सोचने की गलती मत करना की दुनिया आपकी मुठ्ठी में है। यूनिफॉर्म की इज्जत तब बढ़ती है, जब उसके भीतर मानवता होती है। यूनिफॉर्म की इज्जत तब बढ़ती है, जब उसमें करुणा का भाव होता है।