PM Awas Yojana: फर्जी तौर पर जियो टैगिंग से होता था लाखों का हेरफेर, अब चढ़े पुलिस के हत्थे

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PM Awas Yojana: बलरामपुर पुलिस ने एक अजब गजब मामले का खुलासा किया है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में कार्यरत एक संस्था के द्वारा फ़र्ज़ी तौर पर जियो टैगिंग इत्यादि करके गरीबों के हक़ का पैसा हड़प लिया जाता था और उनका आवास अधूरा रह जाया करता था।

बलरामपुर पुलिस ने फर्जी टैगिंग करने के आरोप में सर्वे संस्था के तीन इंजीनियरों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब बात यह है कि उक्त सर्वे संस्था के द्वारा ही फर्जीवाड़े की शिकायत करके मुकदमा दर्ज कराया गया था। शनिवार को पुलिस ने बताया कि पकड़े गए सर्वेयर अर्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों पर फर्जी जियो टैगिंग कर लाभार्थियों को अनुचित लाभ देकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे थे।

जिले के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सर्वेयर संस्था क्रिएटिव कंसोर्टियम की तरफ से नई दिल्ली निवासी नीरज कुमार सिंह ने बीती 24 अक्टूबर को नगर कोतवाली और उतरौला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संस्था के कर्मियों व लाभार्थियों ने फर्जी जियो टैगिंग करते हुए कूटरचित अभिलेख भुगतान के लिए तैयार कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। विवेचना में अपराध की पुष्टि हुई। विकास कुमार ने बताया कि इस गैंग के अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। आशंका है कि अन्य जिलों में भी ऐसा फर्जीवाड़ा किया गया है। लखनऊ निवासी इंजीनियर अनिमेश तिवारी, गोरखपुर के इंजीनियर कार्तिक मोदनवाल और विजय कुमार यादव समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी को जेल भेज दिया गया है।

रिपोर्ट- योगेंद्र त्रिपाठी, संवाददाता

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