पंजाब में असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं – डी.आई.जी. मंदीप सिंह सिद्धू

डी.आई.जी. मंदीप सिंह सिद्धू
Patiala : पंजाब पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए खन्ना के पास स्थित गांव शिहां दौद में 12 मार्च की शाम हुए भवकीरत सिंह अपहरण कांड को मात्र 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया। नाभा रोड पर स्थित गाँव मंडौर खेड़ा में हुई पुलिस मुठभेड़ में एक बदमाश अपहरणकर्ता मारा गया, जबकि दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस का कड़ा संदेश
आज शाम पटियाला पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डी.आई.जी. पटियाला रेंज मंदीप सिंह सिद्धू ने बदमाशों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पंजाब में अपहरणकर्ताओं और असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि अमीर बनने के लालच में बच्चे का अपहरण करने वाले बदमाशों से उसे सुरक्षित बचाना पंजाब सरकार और पुलिस के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और डीजीपी गौरव यादव खुद इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे।
पुलिस टीम को इनाम और प्रमोशन
मुख्यमंत्री और डीजीपी ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली पुलिस टीम को 10 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की और टीम के अधिकारियों को पदोन्नति (प्रमोशन) देने का आश्वासन दिया।
ऑपरेशन की योजना और सफल निष्कर्ष
डी.आई.जी. सिद्धू ने बताया कि मुख्यमंत्री और डीजीपी ने सख्त निर्देश दिए थे कि बच्चे को खरोंच तक नहीं आनी चाहिए। इसीलिए खन्ना, मालेरकोटला और पटियाला पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया और आज दोपहर बाद बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस देश की सबसे पेशेवर पुलिस फोर्स है और इस अपहरण कांड को महज कुछ घंटों में सुलझाकर यह एक और मिसाल पेश की गई है।
अगवा करने वाले अपराधी कौन थे?
डी.आई.जी. सिद्धू ने बताया कि 12 मार्च की शाम को दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने 7 साल के भवकीरत सिंह को खन्ना-मालेरकोटला रोड पर स्थित गाँव शिहां दौद से अपहरण कर लिया था। अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के परिवार से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।
तकनीकी जांच और सुराग कैसे मिला?
डी.आई.जी. सिद्धू ने बताया कि डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर पंजाब पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें गठित कीं और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। पुलिस को सूचना मिली थी कि अपहरणकर्ता मालेरकोटला-खन्ना रोड पर देखे गए थे।
कैसे हुआ मुठभेड़ और बदमाश का एनकाउंटर?
आज दोपहर बाद पुलिस को सूचना मिली कि अपहरणकर्ता पटियाला जिले में नाभा रोड पर गांव मंडौर के पास छिपे हुए हैं। पटियाला, मालेरकोटला और खन्ना पुलिस की संयुक्त टीमें तुरंत कार्रवाई में जुट गईं। एक अपहरणकर्ता बच्चे को बचाने के लिए फॉर्च्यूनर गाड़ी में छिपाने की कोशिश कर रहा था, जबकि दो अन्य आरोपी दूसरी दिशा में भाग रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोका तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और एक बदमाश ढेर हो गया।
मारे गए बदमाश की पहचान जसप्रीत सिंह (पुत्र सुखविंदर सिंह, निवासी शिहां दौद) के रूप में हुई। उसके दो साथी – हरप्रीत सिंह (पुत्र मनजीत सिंह) और रवि भिंडर (पुत्र धरपाल, निवासी अमरगढ़) को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के पास से 32 बोर की पिस्तौल और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल बरामद कर लिया।
कैसे दर्ज हुआ मामला?
डी.आई.जी. सिद्धू ने बताया कि गाँव शिहां दौद के किसान और कमीशन एजेंट गुरजंत सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी थी कि उसके पोते भवकीरत सिंह (पहली कक्षा का छात्र) को दो अज्ञात बदमाशों ने उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया है।
इस सूचना के आधार पर खन्ना पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर बच्चे की खोजबीन शुरू कर दी।
कौन-कौन था इस ऑपरेशन में शामिल?
सी.आई.ए. पटियाला इंचार्ज इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह
स्पेशल ब्रांच इंचार्ज इंस्पेक्टर बिन्नी ढिल्लों
इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय
घायल पुलिसकर्मी – सिपाही रुपिंदर सिंह, होमगार्ड के जवान शिवजी गिरी और बलजिंदर सिंह
इस पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए डी.आई.जी. मंदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पंजाब पुलिस की मुस्तैदी और पेशेवर तरीके से किए गए ऑपरेशन के कारण अपहृत बच्चा पूरी तरह सुरक्षित बचाया गया।
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