
Parliament Budget Session : लोकसभा में बजट को लेकर चर्चा जोरों पर हैं। विपक्ष द्वारा जमकर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। इस बीच जब सपा सांसद अखिलेश यादव को सदन में अपनी बात रखने का मौका मिला तो उन्होंने सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का अभिनंदन किया। उसके बाद अखिलेश यादव ने कहा, मैं आग्रह करना चाहूंगा कि मुझे बोलने के लिए जो समय दिया गया है उसमें से दो मिनट का समय महाकुंभ हादसे में शिकार लोगों की आत्मा की शांति के लिए खड़े होकर मौन रखना चाहूंगा। अगर किसी और को भी सच्चे मन से मृतकों के प्रति सच्चा भाव है तो वो भी हमारे सांसदों के साथ खड़े होकर श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
हालांकि, अखिलेश के इस बयान पर स्पीकर ने उन्हे टोका। स्पीकर ने कहा कि ये अध्यक्ष का अधिकार है। जो बात मैं शुरू कर रहा हूं ये मेरा अधिकारी नहीं है, आपका अधिकार है। मुझे पूरा भरोसा है आप पर, जब अभिभाषण पर चर्चा खत्म हो रही होगी, तो आप के द्वारा दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि जरूर दी जाए।
महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे सरकार
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने स्पीकर से कहा, सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है। आंकड़ें देने से पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे।
अखिलेश ने महाकुंभ हादसे पर की सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग
सपा प्रमुख ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?
साक्ष्य छिपाना और मिटाना भी अपराध है- अखिलेश
कन्नौज सांसद ने कहा कि साक्ष्य छिपाना और मिटाना भी अपराध है, इसका दंड कौन भुगतेगा? जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था। एक धार्मिक समागम में डबल इंजन का राजनीतिक प्रचार अशोभनीय और निंदनीय है। इतने बड़े हादसे के बाद अब वो होर्डिंग्स उतार देने चाहिए।
डिजिटल-डिजिटल कहते थकते नहीं, डिजिट नहीं दे पा रहे- अखिलेश
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, एक तरफ तो ये लोग डिजिटल- डिजिटल कहते थकते नहीं हैं, लेकिन जब ये हादसा हो गया तो ये सरकार डिजिट नहीं दे पा रही है। हमारे अपने लोग मारे गए हैं। परिवार का हर रिश्ता दिबंगत हुआ है। आंकड़े तो अबतक नदारद हैं। जो खोया पाया केंद्र था, उसको भी लोग ढूंढ नहीं पा रहे हैं।
सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। सब कुछ छिपाने के लिए, सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा भी दिया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए।
अखिलेश ने क्यों कहा- मैं रिजाइन देना चाहता हूं
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि कुंभ कोई पहली बार नहीं हो रहा है। कुंभ का आयोजन सदियों से होता आ रहा है। हमारे दस्तावेज बताते हैं कि समय- समय पर जो भी सरकारें रही होंगी, जिसका भी राज रहा होगा, उसने कुंभ का आयोजन किया है। उन्होंने कहा, एक ओर 144 साल बाद, महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया, मुझे कई टीवी इंटरव्यू में, चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। जब बीजेपी सांसदों की ओर से इसका विरोध किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर ये बात गलत है तो मैं रिजाइन देना चाहता हूं।
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