Pariksha Pe Charcha: PM ने की ‘परीक्षा पे चर्चा’, स्टूडेंट्स को दिए परीक्षा में सफलता के टिप्स

Pariksha Pe Charcha: pm disscussion with students in delhi in hindi
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Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री मोदी ने आज स्टूडेंटस को परीक्षा में सफलता के टिप्स दिए। पीएम ने 2 करोड़ स्टूडेंट्स और 14 लाख टीचर्स के साथ सीधा संवाद किया। ये संवाद परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत किया गया। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मण्डपम में किया गया। बता दें कि ये परीक्षा पे चर्चा का सातंवा एपिसोड था।

Pariksha Pe Charcha: खुद से करें स्पर्धा

पीएम मोदी ने छात्रों से संवाद करते हुए बच्चों को दोस्तों से इर्ष्या न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी दूसरे से स्पर्धा करने के बजाय खुद से स्पर्धा करें। उन्होंने होनहार स्टूडेंट्स से प्रेरणा लेने की बात कही। पीएम ने कहा कि अगर स्टूडेंट्स स्पर्धा करने लगेंगे तो कभी भी किसी तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बना पाएंगे।

Pariksha Pe Charcha: शिक्षकों को भी दी सलाह

पीएम मोदी ने परिक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शिक्षकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक और छात्र का नाता परीक्षा के कालखंड का है तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए। छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी। पीएम मोदी ने शिक्षकों को मोबाइल के जरिए स्टूडेंट्स से क्नेक्टिड रहने की सलाह दी। पीएम ने कब कि जिस दिन आप पाठ्यक्रम से आगे निकलकर उससे नाता जोड़ोगे तो वो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं में भी आपसे अपनी मन की बात करेगा।

बच्चों को दी शरीर को चार्ज करने की नसीहत

पीएम मोदी ने बच्चों को सलाह दी की जिस तरह फोन को चार्ज करते हैं उसी तरह सभी को अपने शरीर को भी चार्ज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, ‘कुछ लोग होंगे जिन्हें घंटों तक मोबाइल फोन की आदत हो गई होगी। मोबाइल जैसी चीज जिसे रोजमर्रा देखते हैं उसे भी चार्ज करना पड़ता है। अगर मोबाइल को करना पड़ता है तो इस शरीर को करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए?’

आचरण का विश्लेषणल करें

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये शिक्षक और माता-पिता के लिए सोचने का विषय है कि ऐसा क्या कारण है कि लोग पारिवारिक जीवन में भी विश्वास की कमी का अनुभव कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि ये विश्वास की कमी एक लंबे कालखंड से गुजरकर निकलती है। इसलिए हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर छात्र को बहुत बारीकि से अपने आचरण का विश्लेषण करना चाहिए। क्या आप जो कहते है उसका सच में पालन करते हैं?

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