भारत ने दिखाया स्वदेशी ड्रोन और मिसाइलों का दम, पाक को दिया करारा जवाब

भारत के मिसाइल शील्ड ने पाकिस्तान के असफल हमले को नाकाम कर दिया
Operation Sindoor : पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवादियों के 9 ठिकानों को तबाह किया, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि अब भारत सिर्फ अपनी हवाई सीमाओं की रक्षा नहीं करता, बल्कि उस पर नियंत्रण भी रखता है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में स्थित भारतीय सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले करने की कोशिश पूरी तरह असफल रही। भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली द्वारा सभी मिसाइलों को या तो इंटरसेप्ट कर लिया या हवा में ही नष्ट कर दिया। एक भी मिसाइल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी। वायु रक्षा प्रणाली की यह सफलता 11 वर्षों की रणनीतिक तैयारी का परिणाम है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से विकसित किया गया। इसमें बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली, रडार नेटवर्क, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक और क्विक रिएक्शन सिस्टम की तैनाती शामिल है।
इस घटना ने जहां भारत की सैन्य तैयारी को नई ऊंचाइयों पर स्थापित किया है, वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली में गंभीर खामियां हैं। उनका सिस्टम न केवल भारतीय मिसाइल डिटेक्शन और रेस्पॉन्स क्षमता के मुकाबले कमजोर साबित हुआ, बल्कि उनका अप्रिय प्रयास भी पूर्णतः विफल हो गया।
दुश्मन की मिसाइलें नाकाम
भारतीय सुरक्षा तंत्र अब अत्याधुनिक तकनीकों से पूरी तरह लैस हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत की एकीकृत ड्रोन-रोधी प्रणाली (इंटीग्रेटेड काउंटर-यूएएस ग्रिड, S-400 ट्रायंफ, बराक-8 मिसाइल, आकाश मिसाइल और DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीक) का संयुक्त उपयोग किया गया, जिसने एक ऐसी एरियल शील्ड बनाई जिसे पाकिस्तानी हथियार भेद नहीं सके।
भारत ने चीन निर्मित HQ-9 एयर डिफेंस यूनिट को किया खत्म
बता दें कि बीती रात पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले से भारत ने सिर्फ रक्षा नहीं की, बल्कि तेज और सटीक हमलों से जवाब दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने लाहौर में चीन निर्मित HQ-9 एयर डिफेंस यूनिट को खत्म किया और रडार सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचाया। राफेल लड़ाकू विमानों ने SCALP और HAMMER मिसाइलों के ज़रिए पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को बुरी तरह झटका दिया गया
आत्मनिर्भर भारत की तकनीक का दमदार प्रदर्शन
ध्यान रखें कि यह सैन्य तैयारी रातोंरात हासिल नहीं हुई। इस ऑपरेशन में भारत में बने ‘लोइटरिंग म्यूनिशन’ (आत्मघाती ड्रोन) पहली बार युद्ध में इस्तेमाल किए गए। 2021 में ऑर्डर और 2024 में तैनाती के बाद इन ड्रोन ने पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चौंका दिया। साथ ही इजरायल मूल के ‘हारोप ड्रोन’ जो अब भारत में निर्मित हो रहे हैं, को कराची और लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम पर उपयोग किया गया।
एक दशक की तैयारी का परिणाम
1- एस-400 ट्रायम्फ: 2018 में 35,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत पांच स्क्वाड्रन की खरीद की, जिनमें से तीन अब चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात हैं.
2- बराक-8 मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइलें: 2017 में इजरायल के साथ 2.5 अरब डॉलर का सौदा, जो अब बठिंडा जैसे अग्रिम ठिकानों की सुरक्षा कर रही हैं.
3- स्वदेशी आकाश मिसाइलें: डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइलें अब रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
4- ड्रोन-रोधी तकनीक: 2024 में तैनात मैन-पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (एमपीसीडीएस), जो शत्रु ड्रोनों को जाम करने और अक्षम करने में सक्षम हैं.
आधुनिक युद्ध में भारतीय तकनीक का उदय
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पहली बार युद्ध में स्वदेशी तकनीकों का प्रभावी उपयोग कर अपनी सैन्य क्षमताओं का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। वर्ष 2021 में ऑर्डर किए गए और भारत में विकसित किए गए लॉइटरिंग म्यूनिशन्स (आत्मघाती ड्रोन) ने इस ऑपरेशन में निर्णायक भूमिका निभाई। इन स्वदेशी ड्रोनों ने एक साथ कई लक्ष्यों पर सटीक और समन्वित हमले किए, जिससे पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह चकमा मिल गया। ये हमले न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थे, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता का भी परिचायक बने।
इसके अतिरिक्त, इज़रायली मूल के हारोप (Harop) ड्रोन, जिन्हें अब भारत में ही निर्माण किया जा रहा है, ने भी ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई। इन ड्रोनों ने कराची और लाहौर में स्थित महत्वपूर्ण वायु रक्षा प्रतिष्ठानों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।
यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई, 22 को सुरक्षाबलों ने किया ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप