अडानी के बाद OCCRP का वेदांता पर निशाना, कहा- कंपनी ने पर्यावरण कानूनों को कमजोर करने के लिए सरकार से लॉबिंग की
दो दिन पहले मीडिया में खबरें आई थीं कि अदानी ग्रुप के बाद अब अन्य किसी कंपनी पर रिपोर्ट जारी हो सकती है। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट पत्रकारों के एक ग्रुप द्वारा संचालित की जाती है। इसका मुख्यालय अमेरिका में है और इस कंपनी की शुरुआत साल 2006 में हुई थी। वैसे तो इसकी वेबसाइट पर जिक्र किया गया है, ये पब्लिक फंडेड फर्म है। लेकिन पब्लिक के साथ-साथ अरबपति जॉर्ज सोरेस की कंपनी भी OCCRP की मदद करती है। जॉर्ज सोरेस वैसे भी भारत विरोधी सोच के लिए जाने जाते हैं।
OCCRP ने दावा किया है कि जनवरी 2021 में वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने तब के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से कहा था कि सरकार को माइनिंग कंपनियों को नए पर्यावरण मंजूरी हासिल किए बिना 50% प्रोडक्शन बढ़ाने की अनुमति देनी चाहिए। इससे देश में इकॉनमिक रिकवरी की रफ्तार तेज हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने ज्यादा रेवेन्यू और बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होने का भी हवाला दिया था।
रिपोर्ट में दावा किया है कि चेयरमैन के सुझाव के तुरंत बाद प्रकाश जावड़ेकर काम पर लग गए। उन्होंने लेटर में लिखा, ‘VIMP’ इसके साथ ही अपने मंत्रालय के सचिव और डायरेक्टर जनरल को पॉलिसी के मुद्दे पर चर्चा करने के निर्देश दिए।
वेदांता के बयान का हवाला
रिपोर्ट में वेदांता के बयान का भी जिक्र है। अनिल अग्रवाल की कंपनी द्वारा OCCRP से कहा गया कि देश की एक प्रमुख नेचुरल रिसोर्सेज कंपनी होने के नाते वह घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर आयात कम करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। देश के हित में और नेचुरल रिसोर्सेज के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए समय-समय पर सरकार से मदद मांगी जाती है। वेदांता ने प्रवक्ता ने OCCRP से यह भी कहा कि सरकार से राष्ट्र के विकास के मसले पर प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करता रहता है और प्राकृतिक संसाधन के खनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने की मांग करता है। हालांकि, इस खुलासे पर अभी तक वेदांता और केयर्न ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें इससे पहले, OCCRP ने Adani Group पर निशाना साधा था। अपनी रिपोर्ट में संगठन ने दावा किया है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया। अडानी समूह इस रिपोर्ट को बेबुनियाद करार दे चुका है, लेकिन इसके बावजूद उसकी कंपनियों के शेयरों में नरमी आई। Adani Power Ltd इस समय गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। समूह की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises के शेयर भी गुरुवार को लुढ़क गए थे, लेकिन अब उनमें तेजी आ रही है।
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