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NSA अजीत डोभाल ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर से भारत को कोई नुकसान…

NSA Ajit Doval : ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल का बड़ा बयान सामने आया है. अजीत डोभाल ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. हमारे नुकसान की एक तस्वीर तक कहीं नहीं दिखी. जबकि पाकिस्तान के 13 एयरबेस की तबाह होने की तस्वीरें सभी ने देखी हैं. अजीत डोभाल ने आगे कहा कि इस ऑपरेशन को लेकर विदेशी मीडिया में कई तरह की बातें की जा रही है, लेकिन हमें इस बात पर गर्व है कि हमने पूरी कार्रवाई में स्वदेशी हथियोरों का उपयोग किया, हमने 23 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया है.

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा बयान दिया

अभी कुछ दिन पहले ही सेना की तरफ से भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. सेना ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कैसे पाकिस्तान ने चीन की मदद की थी. पाकिस्तान को चीन और तुर्किए जैसे देशों से सहायता मिला था. कोई उसे हथियार सप्लाई कर रहा था तो कोई भारतीय सेना की मूवमेंट की रियल टाइम सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध करा रहा था. इसके बावजूद, भारत ने अपने दुश्मनों को ऐसा सबक सिखाया कि पाकिस्तान आज तक उस घाव को नहीं भूल पाया है. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय सेना के उप प्रमुख ने खुद किया है.

हमारी सीमा पर केवल एक नहीं कई दुश्मन मौजूद थे

सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सीमाओं पर केवल एक नहीं, बल्कि कई दुश्मन मौजूद थे. जनरल सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से कुछ जरूरी सबक सामने आए हैं, जिन्हें साझा करना जरूरी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक ही सीमा पर दो नहीं, बल्कि तीन या चार दुश्मनों का समना करना पड़ा, हालांकि पाकिस्तान सामने दिखाई दे रहा था, लेकिन असल में वह सिर्फ एक चेहरा था.

चीन से हर तरह की सहायता मिल रही थी

उन्होंने यह बताया था कि पाकिस्तान को चीन से हर तरह की सहायता मिल रही थी, जो कोई नई बात नहीं है. पिछले पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान को मिलने वाले कुल सैन्य उपकरणों में से करीब 81 प्रतिशत चीन से आते है. जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि चीन इस तरह के युद्धकालीन हालातों का इस्तेमाल अपने हथियारों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए करता है. उन्‍होंने कहा था कि चीन ने शायद यह देखा कि उसे एक तरह की ‘लाइव प्रयोगशाला ‘ मिल गई है, जिसमें वह अपने हथियारों को विभिन्न सिस्टम्स के खिलाफ आजमा सकता है.

प्रशिक्षित कर्मियों के जरिए मदद पहुंचाई

वहीं तुर्किए की भूमिका भी कम अहम नहीं रही. उसने युद्ध के समय पाकिस्तान को ड्रोन और प्रशिक्षित कर्मियों के जरिए मदद पहुंचाई, लेकिन इन तमाम सहयोगों के बावजूद पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा.

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