Nipah Virus : जानें क्या है ये निपाह वायरस, कैसे फैलता है? क्या है लक्षण और बचाव

कोरोना महामारी के बाद से ही हर कोई अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क हो चुका है। इस भयंकर बीमारी ने दुनियाभर मे कई लोगों की जान छीन ली थी। ऐसे में अब लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रखने लगे हैं। बीते कुछ समय से कोरोना के मामलों में कमी के चलते लोगों ने राहत की सांस ली ही थी कि अब एक और वायरस ने सभी की चिंता बढ़ा दी है।
केरल राज्य इन दिनों एक गंभीर संक्रामक रोग की चपेट में है। केरल में एक बार फिर निपाह वायरस फैलने की खबर है। कोझिकोड जिले में बुखार से दो मरीजों की मौत के बाद से केरल स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया
Nipah Virus क्या है
WHO के अनुसार, निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है। यानी ये जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। कई बार ये खाने-पीने के जरिए और इंसान से इंसान में भी फैल सकता है।
जानवरों से फैलता है निपाह वायरस
निपाह का सबसे पहला मामला 1999 में मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह में सामने आया था। इसी कारण इस वायरस का नाम निपाह रखा गया है।
कैसे फैलता है ये वायरस?
कई वायरस की तरह ही निपाह का सोर्स भी जानवर को ही माना जाता है। माना जाता है कि चमगादड़ के जरिए ये वायरस इंसानों तक फैलता है। हालांकि, ऐसा भी मानना है कि ये सुअर, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और संभवतः भेड़ से भी फैल सकता है। अगर निपाह वायरस से कोई व्यक्ति संक्रमित हो गया है तो वो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। मतलब, एक की वजह से दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।
क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण ?
अगर कोई भी शख्स निपाह वायरस से संक्रमित होगा तो उसमें तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ,गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई पड़ेंगे।
क्या है इसका इलाज ?
निपाह का पहला मामला 1999 में देखने को मिला था लेकिन अबतक ना तो उसके इलाज की कोई दवा है ना उसकी रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन। अभी के लिए निपाह का इलाज सिर्फ और सिर्फ सावधानी ही है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है।
चमगादड़ और सूअर के संपर्क में आने से बचें, जमीन या फिर सीधे पेड़ से गिरे फल ना खाएं, मास्क लगाकर रखें और समय-समय पर हाथ धोते रहें। वहीं अगर कोई भी लक्षण दिखाई पड़े तो सीधे डॉक्टर से संपर्क साधें।