
New Delhi: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में सामने आए नए प्रकोप पर करीब से नजर रख रहा है, जिसके चलते बच्चों में सांस की बीमारी हो रही है। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी से भारत में जोखिम कम है। बयान में कहा गया है, “भारत मौजूदा स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है।”
New Delhi: उत्तरी चीन में बच्चों में रहस्यमय बीमारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तरी चीन में बच्चों में रहस्यमय श्वसन बीमारी के प्रकोप की मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया, जिसके लिए डब्ल्यूएचओ ने भी एक बयान जारी किया है और कहा है कि भारत किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया, “वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पिछले कुछ हफ्तों में चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी के सामान्य कारणों का पता लगाया गया है’’।
क्या कोविड प्रतिबंध हटाए जाने का परिणाम है एवियन इन्फ्लूएंजा ?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर 2023 में चीन में WHO को रिपोर्ट किए गए H9N2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) के हालिया मामले पर चर्चा की। WHO द्वारा जोखिम मूल्यांकन H9N2 के मानव मामलों में मानव-से-मानव प्रसार की कम संभावना और कम मृत्यु दर का संकेत है। मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचना दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को उत्तरी चीन में सबसे पहले रिपोर्ट की गई बच्चों में सांस की बीमारी में वृद्धि के बारे में अधिक जानकारी मांगी। चीन ने जवाब दिया और कहा कि ये मामले किसी अज्ञात रोगज़नक़ से जुड़े नहीं थे बल्कि ये कोविड प्रतिबंध हटाए जाने का परिणाम थे।
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