
NEET Paper Leak : NEET Paper Leak मामले में केंद्र सरकार ने अब सिस्टम में सुधार की कवायद तेज कर दी है. अब NTA की परीक्षा प्रणाली में निगरानी के लिए एक हाई लेवल कमिटी बनाई गई है. इस कमेटी का अध्यक्ष इसरो के पूर्व प्रमुख को बनाया गया है.
देश में पेपर लीक मामले में हंगामा चरम पर है. उधर बिहार से पेपर लीक के बारे में छानबीन और सबूत मिलने से मामला और भी गर्मा गया है. हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं.
ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पूर्व एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की रणनीति काफी हद तक स्पष्ट की थी. वहीं NEET में गड़बड़ी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात भी कही थी. अब सरकार इस कवायद में जुट गई है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अब इस नव गठित कमेटी को परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है. इस कमेटी में कुल सात सदस्य हैं. इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन को अध्यक्ष बनाया है.
इस कमेटी को सौंपी गई जिम्मेदारी में परीक्षा प्रक्रिया तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में संशोधन और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली को लेकर सिफारिशें प्रमुख हैं.
ये हैं सदस्य
- डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली
- प्रो. बी जे राव, कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
- प्रो. राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास
- पंकज बंसल, को-फाउंडर पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत
- प्रो.आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली
- गोविंद जयसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय
समिति को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपनी होगी. कमेटी को सहायता के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की अनुमति भी दी गई है.
दूसरी ओर नीट पेपर लीक मामले का मास्टर माइंड बिहार के नगरनौसा थाना के भूतहाखार निवासी संजीव मुखिया और उसका डॉक्टर पुत्र डॉ शिव का नाम सामने आने के बाद बिहार के नालंदा जिले में आर्थिक अपराध इकाई की गतिविधि बढ़ गई है। शुकवार को इओयू की टीम ने एकंगरसराय थाना इलाके से सॉल्वर गैंग के एक सदस्य के हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए पटना लेकर गई है।
वहीं मास्टर माइंड संजीव मुखिया फरार चल रहा है जबकि उसका पुत्र डॉ शिव बीपीएससी की तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक का मास्टर माइंड था। मई में पुलिस ने उसे 5 आरोपियों के साथ उज्जैन से गिरफ्तारी किया था। फिलहाल अभी वह जेल में बंद है। इओयू में दर्ज मामले में दोनो पिता पुत्र का नाम एफआईआर में आया है। आरोप है कि उन्होंने पटना के खेमनीचक के एक प्राइवेट स्कूल में छात्रों को प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए थे।
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