
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को दो साल बाद जमानत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। बता दें कि, पत्रकार समेत अन्य लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी UAPA (Unlawful Activities Prevention Act ) के तहत की गई थी।
कौन है पत्रकार सिद्दीकी
सिद्दीक कप्पन एक भारतीय पत्रकार हैं, जिसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपित होने के बाद अक्टूबर 2020 को जेल में बंद किया था। हाथरस के बूलगढ़ी गांव में साल 2020 में एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने का मामला सामने आया था, जिसमें 4 लड़कों को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता की मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस द्वारा रात में ही शव को जला दिया गया था, जिसे लेकर देशव्यापी प्रदर्शन देखने को मिला था।
हालांकि, मथुरा कोर्ट से झटका मिलने के बाद कप्पन ने इस साल फरवरी में हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दायल की थी, जिस पर पिछली सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज कप्पन को 23 महीने बाद जमानत मिली।
वहीं, बता दें कि अगले 6 हफ्ते कप्पन को दिल्ली में ही रहना होगा। पुलिस थाने में उसे साप्ताहिक तौर पर हाजिरी लगानी होगी और वहीं, 6 हफ्ते बाद वो समुचित प्रक्रिया पूरी कर केरल भी जा सकता है।