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जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए CJI ने क्या कहा ? इन 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं से समझें

Article 370

Supreme Court

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सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachudh) ने मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से ही अस्थायी प्रवधान था. कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वो वैध है.

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Article 370: फ़ैसला सुनाते हुए चीफ़ जस्टिस ने ये महत्वपूर्ण बाते कहीं-

  1. विलय पत्र (Merge Letter) पर हस्ताक्षर के बाद जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गयी थी. इसलिए अब जम्मू-कश्मीर की आंतरिक संप्रभुता नहीं है.
  2. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रवधान था.
  3. जब संविधान सभा भंग हुई तो सभा की केवल ट्राज़िटरी पावर (Trazitory Power) खत्म हुई लेकिन इसका कोई असर राष्ट्रपति के फ़ैसले लेने की शक्ति पर नहीं पड़ता.
  4. अनुच्छेद 370 को अनुच्छेद 367 में संशोधन (Amendment) करके लाया गया था, यह अल्ट्रा वायर्स (क़ानूनी अधिकार से परे) था क्योंकि इंटरप्रिटेशन क्लॉज़ (Interpretation Clause) का इस्तेमाल संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता.
  5. राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी.
  6. भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना वैध है.
  7. 370(1)(डी) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है कि केंद्र और राज्य ने एक सहयोगी प्रक्रिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया.
  8. जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी और ऐसे में इस फ़ैसले को राष्ट्रपति की शक्तियों के गलत इस्तेमाल के रूप में नहीं देख जा सकता. इसलिए हम राष्ट्रपति के फ़ैसले को वैध ठहराते हैं.
  9. सॉलिसिटर जनरल ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं.
  10. हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम के तहत जल्द से जल्द (सितंबर, 2024 तक) चुनाव कराने का निर्देश देते हैं.

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