मथुरा में मनाया जाएगा अनोखा कृष्ण जन्मोत्सव, ISRO चीफ के नाम पर होगा पुष्प बंगला

Share

इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन मथुरा में विशेष रुप से किया जा रहा है और इसका थीम चंद्रयान-3 मिशन पर आधारित है। इस महोत्सव के माध्यम से चंद्रयान-3 मिशन के वैज्ञानिकों का सम्मान होगा जिसमें बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि के बाद भगवान श्री कृष्ण ‘प्रज्ञान-पोषाक’ धारण किए ‘सोमनाथ पुष्प बंगला’ में विराजमान होंगे मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में आगामी जन्माष्टमी समारोह भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उन वैज्ञानिकों को समर्पित होगा जिन्होंने चंद्रयान -3 मिशन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।

इस अवसर पर मथुरा में बहुत सारी तैयारियाँ जोरो शोरो से की जा रही हैं और सुरक्षा उपायों को भी मजबूती से व्यवस्थित किया जा रहा है। इस साल का महोत्सव देश के विकास और हिन्दू संस्कृति के प्रति हमारे संकल्प को प्रकट करने का अवसर भी होगा। इस खास मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान की साज-सज्जा, पोशाक और श्रृंगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, और यह समारोह उनके 5250वें जन्मोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

मंदिर में कपाट सुबह 5.30 बजे से देर रात 1.30 बजे तक रहेंगे खुले

शर्मा ने रविवार को यह बताया कि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए भगवान के दर्शन की सुविधा प्रदान करने के लिए  मंदिर के कपाट सुबह 5.30 बजे से देर रात 1.30 बजे तक खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि प्रसाद की तैयारी भी शुरू हो चुकी है ताकि कोई खराब होने वाली वस्तु न बने।

उनके अनुसार, इस वर्ष कृष्ण जन्मोत्सव पर ब्रज की परंपराओं के अनुसार श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रकार की सामग्री वितरित की जाएगी, जैसे प्रसाद, बधाई पोटली, खिलौने, मिष्ठान, फल, कपड़े, और आदि। नंदोत्सव के दिन विशेष प्रसाद के रूप में कढ़ी-चावल और पुआ भी श्रद्धालुओं को बांटे जाएंगे।

इस महोत्सव के दिन, सुबह-सुबह मंदिर में ढोल-शहनाई बजेगा और भक्तों को अभिषेक समारोह में ‘चरणामृत’ दिया जाएगा। विशेष ध्यान देने के लिए तीन अस्थायी ‘क्लॉक रूम’ भी स्थापित किए जाएंगे ताकि श्रद्धालु अपने सामान को सुरक्षित रख सकें।

प्रशासन भी इस त्योहार की शांतिपूर्ण आयोजन के लिए तैयार है और पुलिस बल के अलावा त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी तैनात किए जाएंगे।

पुष्प बंगले का नाम ‘एस सोमनाथ’

पुष्प बंगले का नामकरण ‘एस सोमनाथ’ के नाम पर किया गया है और उनकी पोशाक का नाम भी इसरो के प्रमुख के नाम पर ‘प्रज्ञान-प्रभास’ रखा गया है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने इसके साथ ही सनातन धर्म के महत्व को भी हासिल किया और चंद्रयान-3 मिशन के वैज्ञानिकों को सम्मान दिया।

ये भी पढ़ें- आज सावन का आखिरी प्रदोष व्रत, बने हैं ये शुभ योग, जानें