
नई दिल्ली: किसानों द्वारा आंदोलन समाप्त करने पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी का बयान सामने आया है।
उन्होनें कहा इस सरकार ने टकराव का रास्ता नहीं टॉक का रास्ता अपनाया है। संवेदनशीलता के साथ बातचीत का रास्ता अपनाया है। सरकार की नीति और नियत अन्नदाताओं, कृषि के पक्ष में है। यह हर व्यक्ति समझता है, वह भी समझ रहे हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का भी बयान सामने आया है उन्होनें कहा यह ऐतिहासिक आंदोलन की ऐतिहासिक जीत है। अब समय आ गया है कि MSP को क़ानूनी रूप दिया जाए। बहुत मांगों को सरकार ने लिखित रूप से स्वीकार किया है, उसपर सरकार की क्या नज़र रहती है, उसपर हमारी नज़र रहेगी। हमारें होठों पर मुस्कान है लेकिन आंखें नम हैं।
इसी के साथ शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल बोलीं ये 378 दिन का जो किसान आंदोलन चला है, सबसे पहले संसद में इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल ने दिया था। अगर हमारी बात सुन ली गई होती तो 700 लोगों की जान नहीं जाती। कांग्रेस पार्टी ने अगर विपक्ष का फर्ज़ निभाया होता तो शायद ये बिल पास ही नहीं होते।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जीत का ऐलान हो गया है। 11 तारीख को हम सभी धरने समाप्त कर रहे हैं। सरकार ने जो वादे किए हैं उसके मुताबिक हम आज के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं। हर महीने उसकी समीक्षा करते रहेंगे। अगर सरकार अपने वादों से हिलती है तो दोबारा से आंदोलन करने पर विचार करेंगे।