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जजों की नियुक्ति पर नियंत्रण के लिए होती है खींचतान, पद खाली होने पर भी रखा जाता है लंबित : CJI चंद्रचूड़

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New Delhi : सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा है कि इस बात को लेकर लगातार खींचतान बनी रहती है कि जजों की नियुक्ति पर अंतिम नियंत्रण किसका होगा? यहां तक कि रिक्तियां आने पर भी नियुक्तियों को लंबे वक्त तक लंबित रखा जाता है। डी. वाई. चंद्रचूड़ यहां केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ के नए परिसर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

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मामलों को सुलझाने और न्याय प्रदान करने में मदद करेंगे

चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में न्यायाधिकरण अदालतों में लंबित मामलों को कम करने और न्याय के समग्र वितरण में सहायता करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सीजेआई ने कहा कि न्यायाधिकरणों का एक उद्देश्य हमारी अदालतों में सुनवाई में होने वाली देरी को रोकना और उन्हें कम करना था। यह उम्मीद की गई थी कि ये न्यायाधिकरण, जो साक्ष्य और प्रक्रिया के सख्त नियमों में बंधे नहीं हैं, अदालतों को मामलों को सुलझाने और न्याय प्रदान करने में मदद करेंगे।

जजों की नियुक्ति पर अंतिम नियंत्रण किसे मिलेगा?

हमारे न्यायाधिकरण आम-तौर पर समस्याओं से ग्रस्त हैं, और फिर हम खुद से पूछते हैं कि क्या इतने सारे न्यायाधिकरणों का गठन करना वास्तव में आवश्यक था। सीजेआई ने कहा कि क्योंकि आपको जज नहीं मिलते हैं। जब जज मिलते हैं तो रिक्तियां निकलती हैं, जो लंबे समय तक लंबित रहती हैं। फिर यह लगातार झगड़ा होता रहता है कि जजों की नियुक्ति पर अंतिम नियंत्रण किसे मिलेगा।

चंद्रचूड़ ने और क्या कहा?

चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में न्यायाधिकरण अदालतों में लंबित मामलों को कम करने और न्याय के समग्र वितरण में सहायता करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सीजेआई ने कहा कि न्यायाधिकरणों का एक उद्देश्य हमारी अदालतों में सुनवाई में होने वाली देरी को रोकना और उन्हें कम करना था।

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