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कार सेवक थे अराजक तत्व, गोलियां चलवाना सही निर्णय- स्वामी प्रसाद मौर्य

Swami Prasad Controversial statement

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Swami Prasad Controversial statement: राम मंदिर में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने फिर एक बार विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद नें कारसेवकों को अराजक तत्व बताया है। उन्होंने राम मंदिर के आंदोलन के समय कारसेवकों पर चली गोलियों को जायज बताया है। उनके इस बयान से सियासत फिर गरमा गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने साथ ही कारसेवकों पर चलाई गई गोलियों के पीछे का कारण भी बताया है।

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Swami Prasad Controversial statement: ‘कानून की रक्षा के लिए चलवाई थीं गोलियां’

सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने राम मंदिर के आंदोलन में शामिल कारसेवकों को अराजक तत्व बताया है। उन्होंने कहा कि, ‘जब राम मंदिर को लेकर घटना घटी थी तो उस वक्त उन्होंने बिना किसी न्यायपालिका या प्रशासन के आदेश के उन्होंने तोड़फोड़ की थी। तत्कालीन सरकार ने कानून और संविधान की रक्षा, अमन-चैन को कायम रखने के लिए गोली चलवाई थी।’ उन्होंने आगे कहा कि ये सरकार का कर्तव्य था और सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।

कारसेवक गोलीकांड के बारे में जानकारी

कारसेवक गोलीकांड 30 अक्टूबर 1990 को हुआ था। उस समय सत्ता में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सरकार थी। कारसेवकों के साथ-साथ भारी संख्या में साधू-संतो की भीड़ हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ने की कोशिश कर रही थी। ज्यादा भीड़ को देखते हुए अयोध्या में मुलायम सरकार ने कर्फ्यू का आदेश दे दिया।

आदेश के बाद वहां मौजूद कारसेवकों और साधू-संतो की भीड़ बेकाबू हो गई। बाबरी मस्जिद के आसपास के 1.5 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने बेरिकेड़िंग कर रखी थी। लेकिन फिर भी भीड़ आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी। खबरों के मुताबिक, कारसेवकों का एक जत्था पुलिस के वैन के जरिए बैरिकेडिंग तोड़तकर बाबरी मस्जिद के अंदर घुसने लग गया। उसी समय पुलिसवालों के लखनऊ से गोली चलाने का ग्रीन सिग्नल मिल गया। जिसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई थी।

ठीक दो दिन बाद 2 नवंबर 1990 को इस कांड के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला गया, जिसमें उमा भारती और अशोक सिंघल जैसे कई नेता शामिल थे। हनिमान गढ़ी की ओर बढ़ रहे मार्च में काफी संख्या में लोगों में मार्च में हिस्सा लिया। भीड़ को आगे बढ़ता देख फिर से सरकार ने फायरिंग के आदेश दिए। 48 घंटों के अंदर दूसरी बार गोली के कारण कई मौतें हुई।

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