सिंधी समुदाय ने गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां गुरुद्वारे को लौटाईं, निहंगों ने मंदिरों में मूर्तियों के बगल में ग्रंथ रखने पर जताई थी आपत्ति
सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की 50 प्रतियां बुधवार को सिंधी मंदिरों से निकालकर गुरुद्वारे में रख दी गईं। यह घटना पंजाब के निहंग सिखों के एक समूह द्वारा मंदिर में मूर्तियों के बगल में पवित्र ग्रंथ रखे जाने पर आपत्ति जताने के बाद हुई।
सिंधी समुदाय के सदस्यों द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियों को पूरे सम्मान के साथ गुरुद्वारा इमली साहिब में स्थानांतरित कर दिया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिंधी समुदाय के लोगों को इसकी रसीद भी दी।
सिंधी समुदाय के सदस्य प्रकाश राजदेव और नरेश फुदवानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पंजाब से आए सिखों के समूह ने कहा कि आप लोग गुरु की मर्यादा नहीं रख रहे हैं। परंपरा के अनुसार अन्य देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों को एक साथ नहीं रखना चाहिए। इसके बाद सिंधी संतों ने बैठक कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लौटाने का फैसला किया। अब तक, 50 मंदिरों और दरबारों ने गुरु ग्रंथ साहिब को वापस कर दिया है और उन्हें वापस गुरुद्वारों में रख दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों समुदायों के बीच प्यार और भाईचारा पहले की तरह बना रहेगा। गुरु सिंह सभा के सचिव जसबीर सिंह गांधी ने कहा, “समिति के सदस्य इंदौर आए थे और कई जगहों पर गए थे जहां गुरु की मर्यादा का पालन नहीं किया जा रहा था। उन्होंने मामले पर समर्थन और समय मांगा लेकिन कुछ लोग गुरु ग्रंथ साहिब को वापस करने के प्रस्ताव के साथ आगे आए, जिसे हमने स्वीकार कर लिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि अब भी अगर कोई परंपरा का पालन करते हुए गुरु ग्रंथ साहिब रखना चाहता है तो हम पवित्र ग्रंथ वापस करने के लिए तैयार हैं।