पीएम मोदी आज जाएंगे मोरबी, हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों से करेंगे मुलाकात
गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम मच्छु नदी पर बना 140 साल पुराना केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया था जिसकी वजह से 130 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई है और अभी तक 200 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है और दुर्घटना में घायल 14 लोग अब भी मोरबी सिविल हॉस्पिटल में भर्ती हैं। अभी कितनी जिंदगीयां और फंसी हुई कुछ कहा नहीं जा रहा है लेकिन जिस दिन से ये हादसा हुआ है लगातार लोगों के राहत बचाव का कार्य किया जा रहा है। इस हादसे के बाद सियासत मे भी बवाल मचा हुआ है विपक्ष लगातार भाजपा पर निशाना साध रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए देशभर में जितने भी पुराने पुल या स्मारक हैं, वहां होने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है। वहीं इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मोरबी जाएंगे और पुल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। वह मोरबी सिविल अस्पताल का दौरा भी करेंगे और यहां घायलों का हालचाल जानेंगे। उनके दौरे से पहले मोरबी के अस्पताल को सोमवार की रात चमकाया जाने लगा. बरसों से जो सुविधाएं नहीं थी वो सब जुटने लगीं. इस रंगाई पुताई पर सियासी सवाल भी उठने लगा है।
राजकोट रेंज आईजी अशोक यादव ने कहा, ‘हमारी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तकनीकी और संरचनात्मक खामियों, जिनमें प्रमाणीकरण के साथ-साथ रखरखाव के कुछ मुद्दे शामिल हैं, के कारण यह त्रासदी हुई.’ रविवार रात से शुरू हुआ राहत व बचाव कार्य सोमवार पूरे दिन चला। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा भारतीय सेना, कोस्ट गार्ड, गरुड़ कमांडो की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रहीं।
इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार शाम राजधानी गांधीनगर स्थित राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सीएम भूपेंद्र भाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित गृह विभाग और गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। दुर्घटना को लेकर गुजरात सरकार ने 2 नवंबर को राज्यवापी शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली और हादसे से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की उन्होंने बैठक के दौरान एक बार फिर यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि हादसे में प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मिले।