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PM मोदी ने किया केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन, संबोधन के दौरान कहीं ये बातें…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सॉल्यूशन का, इवॉल्यूशन का और इनोवेशन का आधार है विज्ञान इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, “जय जवान”, “जय किसान”, “जय विज्ञान” के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है। 21वीं सदी के नए भारत के विकास के लिए विज्ञान सभी क्षेत्रों के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारे उज्ज्वल दिमाग ने हमें हमेशा गौरवान्वित किया है और भारतीय वैज्ञानिक चमत्कार कर रहे हैं। उनके नवाचारों और सफलताओं का जश्न मनाना हमारे लोगों को प्रेरित करेगा।

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पीएम मोदी ने की वैज्ञानिकों की सरहाना

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धि का जश्न मनाते हैं, तो विज्ञान हमारे समाज और संस्कृति का हिस्सा बन जाता है। मैं सभी से हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का आग्रह करता हूं। 2014 के बाद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश तेजी से बढ़ा। 2015 में भारत 81वें स्थान पर था। सरकार के प्रयासों से आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है।(Global Index position of India is 46th) हमें राज्यों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना में तेजी लाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जमीनी स्तर पर लाभ पहुंचे, हमें साइलो को तोड़ने और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के भीतर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी काम करने की आवश्यकता है।

अहमदाबाद के साइंस सिटी में आयोजित हुआ दो दिवसीय साइंस कॉन्क्लेव

बता दें कि दो दिवसीय कॉन्क्लेव का आयोजन 10-11 सितंबर को साइंस सिटी अहमदाबाद(Science City Ahemdabad) में किया जा रहा है। इसमें एसटीआई विजन 2047 सहित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों पर सत्र शामिल होंगे; राज्यों में एसटीआई के लिए भविष्य के विकास के रास्ते और विजन; स्वास्थ्य – सभी के लिए डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल; 2030 तक अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करना; कृषि – किसानों की आय में सुधार के लिए तकनीकी हस्तक्षेप; जल – पीने योग्य पेयजल के उत्पादन के लिए नवाचार; ऊर्जा- हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका सहित सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा; डीप ओशन मिशन और तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए इसकी प्रासंगिकता।

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