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National Security: अलगाववादी मसरत आलम की MLJK को यूएपीए के तहत ‘गैरकानूनी’ किया घोषित

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National Security: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने बुधवार को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, “यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।

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National Security: कौन है मसरत आलम?

मसरत आलम भट, जो 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं, कश्मीरी कट्टरपंथी अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं। वे साल 2021 में यह पद संभाला था। 50 वर्षीय आलम आतंकी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में हैं। उस वर्ष कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में उनकी कथित भूमिका के लिए उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया था। सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के कारण वह जेल में ही रहे।

National Security: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 27 केस है दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलम के खिलाफ 27 एफआईआर दर्ज हैं और उन पर 36 बार पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मार्च 2015 में, मसरत आलम को रिहा कर दिया गया, जिससे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ प्रतिक्रिया शुरू हो गई, जो उस समय पीडीपी भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में थी। श्रीनगर में तत्कालीन सैयद अली शाह गिलानी के स्वागत के लिए एक रैली में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के बाद तत्कालीन मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार ने उन्हें ‘राजद्रोह’ और ‘राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया।

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