
झारखंड की राजधानी रांची के राजकुमार और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी MS Dhoni को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिला है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह मामले में शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है।
बता दें कि इस मामले में मध्यस्थता का आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय ने धोनी की अर्जी पर ही दिया था। महेंद्र सिंह धोनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी देते हुए कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने उनकी फीस नहीं दी है। क्रिकेट जगत में कप्तान कूल के नाम से मशहूर धोनी MS Dhoni ने हाई कोर्ट से इस मामले में मध्यस्थता की मांग की थी। अब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में धोनी को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ितों की तरफ से यह कहा गया है एक तरफ फंड की कमी की वजह से लोगों फ्लैट नहीं मिल पा रहा है दूसरी तरफ धोनी ने 150 करोड़ रुपए की मांग करते हुए मामला मध्यस्थ कमेटी के पास ले गए है।
पीड़ितों का कहना है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसके सामने महेंद्र सिंह धोनी अपने बकाए 150 करोड़ रुपये का मामला ले गए हैं। महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे, इसके ही उन्हें 150 करोड़ रुपये मिलने हैं। अब पीड़ितों की ओर से तर्क दिया गया है कि अगर अगर आम्रपाली ग्रुप एमएस धोनी के बकाये को देने में पैसे खर्च करेगा तो उनके फ्लैट नहीं मिल पाएंगे।
बता दें धोनी कभी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे। हालांकि वर्ष 2016 में उन्होंने अपने आप को आम्रपाली ग्रुप से अलग कर लिया था। उन्होंने शीर्ष अदालत में अर्जी देकर अपनी 40 करोड़ रुपये की फीस दिलाने की मांग भी की थी। धोनी ने याचिका में लिखा था कि उन्होंने रांची में आम्रपाली सफारी में एक पेंटहाउस बुक किया था। साथ ही उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया था। लेकिन कंपनी ने उन्हें धोखा दिया।