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Pulwama Attack: क्यों अपने जीवन का अंत करना चाहती हैं शहीदों की पत्नी?

Pulwama Attack

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Pulwama Attack: भारत में सुरक्षाबलों के खिलाफ हुए पुलवामा हमले के सालों बाद भी आतंकी हमले में शहीद हुए परिवारों के लोग सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। दरअसल, 2019 के पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले CRPF जवानों की 3 विधवाएं खुद के जीवन को समाप्त करने की अनुमति मांग रही हैं। ये तीनों ही भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के सहयोग से धरने पर बैठे हैं।

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इस दौरान बीजेपी नेता पुलवामा में शहीद हुए CRPF जवानों की विधवाओं और परिवार के सदस्यों के साथ धरने पर बैठे हैं। वो राजस्थान सरकार से न्याय मांग रहे हैं और कांग्रेस पार्टी के शासन पर सवाल उठा रहे हैं।

शहीद हुए जवानों की विधवा कौन हैं?

जयपुर में परिवार समेत धरने पर बैठी तीन महिलाएं मंजू लांबा, मधुबाला मीना और सुंदरी गुर्जर हैं। ये तीनों महिलाएं शहीद CRPF जवानों रोहिताश लमना, हेमराज मीणा और जीत राम गुर्जर की पत्नियां हैं।

तीनों शहीद CRPF जवानों के परिवार राजस्थान में रहते हैं और उनकी विधवाओं ने राज्य सरकार के कामकाज और देश को हिलाकर रख देने वाले आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा किए गए वादों पर कई सवाल उठाए हैं।

तीनों विधवाएं अब भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठी हैं और राजस्थान सरकार से अपने वादों को पूरा करने और उनके पतियों के पुलवामा हमले में शहीद होने के बाद वादा की गई सुविधाएं प्रदान करने की मांग कर रही हैं।

Pulwama Attack: क्या है सरकार से नाराजगी?

CRPF जवानों की तीन विधवाएं पिछले कुछ दिनों से धरने पर बैठी हैं, 2019 में पुलवामा हमले में अपने पतियों के निधन के बाद राजस्थान सरकार से खुद का जीवन समाप्त करने की अनुमति मांग रही हैं।

विधवाओं ने कहा है कि राजस्थान सरकार ने उनसे कई वादे किए जो पूरे नहीं किए गए, जिससे उनके जीवन में कई मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके पतियों को आतंकवादियों द्वारा मारे जाने के बाद, उन्हें मुआवजा, सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाओं का वादा किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

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