हर पांच साल पर लोगों के पास नहीं जाते हैं जज- CJI
CJI Statement: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार, 23 अक्टूबर को कहा कि न्यायाधीश निर्वाचित नहीं होते हैं और हर पांच साल के बाद लोगों के पास नहीं जाते हैं। लेकिन न्यायपालिका का लोकतंत्र में विशेष रूप से भारत जैसे बहुलवादी देश में एक स्थिर प्रभाव होता है। बता दें कि सीजेआई सोमवार को भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालयों के परिप्रेक्ष्य विषय पर जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर, वाशिंगटन डीसी और सोसाइटी फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एसडीआर), नई दिल्ली द्वारा सह-आयोजित तीसरी तुलनात्मक संवैधानिक कानून नामक चर्चा में बोल रहे थे।
CJI Statement: पहली बार फिजिकल मोड में आयोजित हुआ कार्यक्रम
बता दें कि यह बातचीत पहली बार जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय कानून सेंटर, वाशिंगटन डीसी, यूएसए में फिजिकल मोड में कार्यक्रम आयोजित की गई थी। इस चर्चा के दौरान कॉलेजियम की नियुक्तियों और भारत में न्यायाधीश कैसे काम करते हैं? इसपर सीजेआई ने कहा, “जज निर्वाचित नहीं होते हैं और हम हर पांच साल में वोट मांगने के लिए लोगों के पास नहीं जाते हैं। न्यायपालिका समाज के विकास में एक स्थिर प्रभाव है जो अब तकनीक के साथ इतनी तेजी से विकसित हो रहा है।
CJI Statement: सिविल सोसाइटी के लिए जुड़ाव का केंद्र बिंदु है अदालत
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि अदालतें आज नागरिक समाज और सामाजिक परिवर्तन के लिए जुड़ाव का केंद्र बिंदु बन गई हैं। उन्होंने कहा कि लोग अब “न केवल परिणामों के लिए बल्कि संवैधानिक परिवर्तन पर आवाज उठाने के लिए” अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं।
CJI Statement: लोगों को मिल रहा है मंच
सीजेआई ने अपने संबोधन में कहा कि “लोगों को मंच देकर, अदालतें एक महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं और लोग आकांक्षाओं को व्यक्त करने और बदलाव लाने के लिए तेजी से आगे आ रहे हैं। हम शासन की संस्था भी हैं.. हम सत्ता के पृथक्करण से जुड़ें हैं इसके बावजूद भी लोग जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार, सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने आते हैं।
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