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चीन को मुंहतोड जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना कर रही शक्ति प्रदर्शन, टॉप लड़ाकू विमान से चीन पर गरज रहा भारत

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तवांग में चीन के आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने के बाद भारत  चीन की सीमा पर अपनी वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। इसमें भारत से सभी टॉप के लड़ाकू विमान शामिल हैं। हालांकि, यह तवांग के जवाब में नहीं है, भारत ने पहले से यह तैयारी की हुई थी।

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चीन बॉर्डर और अरुणाचल के तवांग में भारतीय वायुसेना युद्धाभ्यास कर रही है। यह 15 और 16 दिसंबर दो दिन तक चलना है। युद्धाभ्यास में भारत के सभी लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राफेल, सुखोई एमकेआई 30 समेत सभी फ्रंटलाइन विमान इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसमें फ्रंटनाइल एयरबेस के कुछ एडवांस लैंडिंग साइट्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह युद्धाभ्यास तेजपुर, चाबुआ, हाशिमारा और जोरहट एयरबेस पर हो रहा है। यह युद्धाभ्यास वायुसेना की पूर्वी कमांड कर रही है। पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी पूर्वी कमांड करती है। तेजपुर और चाबुआ में जहां सुखोई-30 की स्क्वाड्रन है, तो वहीं हाशिमारा में राफेल की स्क्वाड्रन है। इसी हफ्ते भारत को आखिरी राफेल भी मिलने वाला है।

इसी महीने की 9 तारीख को तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जोरदार झड़प हुई, भारतीय जवानों ने जम कर चीनी जवानों को धोया और कई की हड्डी-पसली एक कर दी। भारत को वहां पर कमजोर समझ कर चीन ने हमला किया मगर उसे भारत की ताकत का अंदाजा नहीं था, वहां पर अब भी हालात तनावपूर्ण हैं।

वायुसेना के इस युद्धाभ्यास का मकसद अपनी युद्धक क्षमता और पूर्वोत्तर में अपनी सेना की तैयारियों को परखना है। यह युद्धाभ्यास भारत-चीन सैनिकों के तवांग में झड़प से पहले से ही तय था। यह तवांग के जवाब में नहीं किया जा रहा है।

पहले भी डोकलाम, गलवान घाटी और दूसरी जगहों पर दोनों सेनाओं के बीच झड़प हो चुकी है… ऐसे में भारतीय सेना और वायुसेना चीन के साथ लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पूरी तरह से मुस्तैद है। 9 दिसंबर की झड़प से पहले भी चीन थाह लेने के लिए वहां पर अपने ड्रोन भेजता रहा है जिन्हें भारतीय वायुसेना ने पीछे धकेल दिया।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर संसद में बयान भी दिया और कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने बहादुरी के साथ चीनी सैनिकों को पीछे धकेल दिया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां पर भारतीय सीमा में अतिक्रमण करने की कोशिश की जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। भारत के छह सैनिक मामूली रूप से घायल हुए जबकी आमने-सामने की लाठी-डंडों और इलेक्ट्रिक बैटन की लड़ाई में चीन के कई सैनिकों के हाथ-पैर और जबड़े टूट गए।

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