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दक्षिण एशिया में वाहनों को कबाड़ में बदलने का हब बन सकता है भारत : नितिन गडकरी

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New Delhi : सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में वाहनों को कबाड़ में बदलने का केंद्र बन सकता है। इसके लिए देश में वाहनों को कबाड़ में बदलने वाले 1,000 केंद्रों और 400 स्वचालित फिटनेस जांच केंद्रों की आवश्यकता है। नितिन गडकरी ने वाहनों की उपयोगिता अवधि का प्रमाणपत्र जमा करने वाले मंच ‘डिजीईएलवी’ की शुरुआत करते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब तक देशभर में 85 वाहन कबाड़ केंद्र खोलने की मंजूरी दी है। इन केंद्रों की संख्या में अब तेजी से बढ़ोतरी की आवश्यकता है। 

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डिजीईएलवी क्या है?

डिजीईएलवी वाहनों की जीवन अवधि खत्म होने वाला प्रमाणपत्र जमा करने का एक मंच है। पुराना वाहन जमा करने का प्रमाणपत्र रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस मंच के जरिये अपने प्रमाणपत्र को बेच सकता है। जमा प्रमाणपत्र उस समय जारी किया जाता है, जब कोई उपयोगकर्ता आरवीएसएफ में अपने वाहन को कबाड़ में बदलने के लिए जमा करता है।

गडकरी ने क्या कहा?

गडकरी ने कहा कि संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बेहद अहम है। इससे देश में नौकरियां पैदा होने जा रही हैं। पीएम मोदी ने अगस्त 2021 में राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति जारी करते हुए कहा था कि इससे खस्ताहाल और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध ढंग से हटाने में मदद मिलेगी। साथ ही, एक ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

डिजीईएलवी के जरिए अपने प्रमाणपत्र को बेच सकते है

डिजीईएलवी वाहनों की जीवन अवधि खत्म होने वाला प्रमाणपत्र जमा करने का एक मंच है। पुराना वाहन जमा करने का प्रमाणपत्र रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस मंच के जरिये अपने प्रमाणपत्र को बेच सकता है। जमा प्रमाणपत्र (सीडी) उस समय जारी किया जाता है।

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