Advertisement

पाकिस्तान की सीमा के पास भारतीय वायुसेना के लिए इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन, राजनाथ सिंह बोले- “आज एक ऐतिहासिक दिन”

Share
Advertisement

राजस्थान: भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को पाकिस्तान सीमा से 40 किमी दूर राजस्थान के बाड़मेर के हाइवे पर बनी 3 किमी लंबी इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग स्ट्रिप पर सुपर हरक्युलिस की लैंडिंग करा कर इतिहास रच दिया। इस इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) का उद्घाटन, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। सुपर हरक्युलिस में दोनों केंद्रीय मंत्री सवार थे। इस उद्घाटन के दौरान राजनाथ सिंह बोले- “अब सड़क पर विमान भी उतर सकेंगे। आज एक ऐतिहासिक दिन है। पहले सड़क पर वाहन चला करते थे, लेकिन 21वीं सदी में सड़क पर भी विमान उतरेंगे। भारत किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

Advertisement

सुपर हरक्युलिस के बाद सुखोई-30, जगुआर ने भी की लैंडिंग

उद्घाटन के बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर उतरे। इसके बाद सुखोई-30, जगुआर ने भी आसमान में अपना दम दिखाया और फिर इस इमरजेंसी स्ट्रिप पर टच एंड गो लैंडिंग की।

इस हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना ने बुधवार को अपनी पहली रिहर्सल की और तीन फाइटर विमानों को उतारा। सबसे पहले हरक्यूलिस को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी नेशनल हाइवे पर भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है।

इस प्रोजेक्ट को 24 महीने में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के अंदर ही कर लिया गया था। 2019 के जुलाई माह में इसकी शुरुआत की गई थी और जनवरी 2021 में इसे पूरा कर लिया गया था।

32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी हवाई पट्टी

इस इमरजेंसी लैंडिग फील्ड को भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी के समय में काफी मददगार साबित होगा। 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की लंबाई तीन किलोमीटर और चौड़ाई 33 मीटर है। हवाई पट्टी के दोनों किनारों पर पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क करने में सुविधा हो सके।
इसके अलावा एयर ट्रैफिक कंट्रोल की इमारत भी है। भारत में तैयार हो चुकी यह ऐसी पहली हवाई पट्टी है, जबकि आंध्र प्रदेश में दो, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक हवाई पट्टी बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। इसके अलावा भी कई जगहों पर ऐसी हवाई पट्टियों के निर्माण का कार्य जारी है।

लगभग 350 विमान औऱ खरीदने की योजना

वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत और उसकी विषम क्षमताओं को विकसित करने की जरूरतों पर बल दिया जा रहा है। और इसी को ध्यान में रखते हुए अगले दो दशकों में लगभग 350 विमान खरीदने की योजना बनाई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। रक्षा और परिवहन मंत्रालय की सहायता से देश में विमानों की लैंडिंग कराने में सक्षम इस तरह के 12 हाईवे तैयार कराये जा रहे हैं, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *