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हाईकोर्ट का ‘समलैंगिक जोड़ों के लिव-इन’ में रहने पर बड़ा बयान कहा, ‘प्यार-आकर्षण और स्नेह की कोई सीमा नहीं’

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 हाईकोर्ट में जालंधर निवासी दो प्रेमिकाओं ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए अपनी जान को खतरे में महसूस किया था। इस कारण, हाईकोर्ट ने जालंधर एसएसपी से दो महिला सुरक्षाकर्मी प्रदान करने का आदेश दिया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस संबंध में सुरक्षा की मांग को लेकर एक याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने समान लिंग के लोगों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी अपराध नहीं माना और संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर नागरिक की जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा की गरंटी दी।

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दो सप्ताह के लिए महिला सुरक्षाकर्मी प्रदान करने का आदेश

इस सुनवाई के दौरान स्पष्ट हुआ कि ये दो प्रेमिकाएं आपस में प्यार करती हैं और चार सालों से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही हैं। कोर्ट ने इन्हें वयस्क और निर्विवाद ठहराया और उनके बीच की प्रेम, आकर्षण और स्नेह की कोई सीमा नहीं होती है, यह बयान दिया। कोर्ट ने जान के खतरे के आरोपों को भी मान्यता दी, लेकिन अगर ये सच साबित होते हैं तो यह किसी के जीवन को अपूरणीय क्षति पहुँचा सकते हैं। इसलिए कोर्ट ने जालंधर एसएसपी को दो सप्ताह के लिए महिला सुरक्षाकर्मी प्रदान करने का आदेश जारी किया और उनकी सुरक्षा की समीक्षा भी करने का निर्णय सुनाया।

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